उसके परिवार में मां, पिता, एक छोटा भाई व तीन बहिनें है। मां-पिता के वृद्ध हो जाने से परिवार का बोझ भी स्वरूपाराम पर ही है। एक छोटा भाई है, जो बचपन से ही मानसिक व शारीरिक रूप से बीमार है। परिवार के बोझ के कारण वह मानसिक रूप से परेशान हो गया। बीपीएल चयनित होने के बावजूद कोई सरकारी सहायता नहीं मिलने से न तो उसका उपचार हो रहा है, न ही परिवार को दो जून की रोटी नसीब हो रही है।
लगाई न्यायालय से गुहार
परिवार को मदद के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से मांग की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जानकारी मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से परिवार को मदद दिलाने के लिए न्यायालय से गुहार लगाई गई है। मुस्लिम महासभा के जिलाध्यक्ष पप्पु खिलजी की ओर से उच्च न्यायालय में मंगलवार को स्वरूपाराम का उपचार करवाने के लिए विधिक सहायता की अपील की गई है।