सनातन धर्म की पुनस्र्थापना के लिए दस हजार धार्मिक स्थलों पर लगाए ‘श्रीú’ के प्रतीक
21 हजार धार्मिक स्थानों पर स्थापना का लक्ष्य
जैसलमेर के तनोट और रामदेवरा से लेकर हरिद्वार की हर की पौड़ी तक में लगाए प्रतीकजैसलमेर.
जयपुर निवासी वास्तुशास्त्री
अमरनाथ ने
शक्ति और शिव स्वरूप ‘श्रीú’ चिन्ह का प्रचार देश भर के मंदिरों और धार्मिक महत्व के स्थानों पर करने का अनूठा संकल्प संजो लिया। अमरनाथ ने इसके माध्यम से सनातन धर्म की पुनस्र्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया है। वे अब तक इस चिह्न को देश की पश्चिमी सीमा के अंतिम छोर पर अवस्थित जैसलमेर के विख्यात रामदेवरा और तनोटराय मंदिर से लेकर राजस्थान ही नहीं बल्कि आधा दर्जन राज्यों के पवित्र स्थलों पर स्थापित कर चुके हैं। प्रारंभ में जो कार्य उन्होंने अपने स्तर पर प्रारंभ किया था, उससे आज लगभग सौ जने जुड़ चुके हैं। अब तक 10 हजार धार्मिक स्थलों पर ‘श्रीú’ का प्रतीक लगाने वाले अमरनाथ व उनके सहयोगियों ने चालू वर्ष 2018 के शारदीय नवरात्रा तक 21 हजार स्थानों पर प्रतीक की स्थापना का लक्ष्य बनाया है।
ऐसे हुई शुरुआतअमरनाथ ने बताया कि वर्ष 2011 में उन्हें बारम्बार ‘श्रीú’ का प्रत्यक्ष दृष्टांत हुआ। इस संबंध में उन्होंने नाथ संप्रदाय के
गुरु बस्तीराम महाराज, लूणियावास से मार्गदर्शन चाहा।गुरु ने उनसे दृष्टांत होने वाली आकृति को कागज पर उतारने के लिए कहा। तब जो आकृति उन्होंने बनाई, उसे देखकर बस्तीराम महाराज ने उन्हें सनातन धर्म की पुनस्र्थापना का संकल्प दिलाकर इस प्रतीक को अधिकाधिक मंदिरों व धार्मिक स्थलों पर स्थापित करने की बात कही। अमरनाथ ने इस प्रतीक की साधना हरिद्वार में की।बाद में इस कार्य को संपन्न करने के लिए अमरनाथ ने वास्तु संबंधी सलाह देने से अर्जित होने वाली कुल आय का 52 फीसदी हिस्सा लगाने का फैसला किया।
बढ़ रहा कारवांअमरनाथ ने ‘श्रीú’ के प्रतीक स्थापित करने का जो कार्य स्वयं के स्तर पर प्रारंभ किया था, उसमें अब अनेक सहयोगी जुड़ चुके हैं। करीब सौ लोग इस अभियान का हिस्सा हैं। जिनमें से कई जने अर्थ सहयोग करते हैं, कुछ झंडे व फ्रेम उपलब्ध करवाते हैं।कुछसाथी धार्मिक स्थलों तक जाकर इस प्रतीक की स्थापना के कार्य में सहयोग करते हैं।
यहां लगाए प्रतीक चिन्हअमरनाथ व उनके सहयोगियों ने जैसलमेर के तनोटराय, घंटियाली, रामदेवरा, नवग्रह, भादरिया राय आदि के साथ राज्य के ओसियां माता, पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर, बुटाटी धाम, अर्बुदामाता, नक्की देवी से लेकर उत्तराखंड, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र में अवस्थित धार्मिक स्थलों पर प्रतीक चिन्ह स्थापित किए हैं।यह सिलसिला निरंतर चल रहा है।इसके तहत वे मंदिर स्थल व प्रतिमाओं के पास ‘श्रीú’ अंकित फ्रेम स्थापित करते हैं और इसकी ध्वजाएं फहराते हैं।