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सरकारी नुमाइंदों को मिली राशि, गरीब कर रहे इंतजार

locationजैसलमेरPublished: May 31, 2020 08:43:21 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-सरकारी सहायता राशि बांटने में गफलत का मामला -खातोंं में जमा हुई थी राशि-सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खातों में जमा हो गई राशि

सरकारी नुमाइंदों को मिली राशि, गरीब कर रहे इंतजार

सरकारी नुमाइंदों को मिली राशि, गरीब कर रहे इंतजार

पोकरण. कोरोना महामारी व लॉकडाउन के हालात के कारण बिगडऩे वाली आर्थिक स्थिति को संबल देने के लिए किए जाने वाले सरकारी दावों की हकीकत एकदम जुदा है। गरीबों व जरुरतमंदों के बैंक खातों में नकद राशि जमा कराने के दावों के बीच कुछ सराकारी कर्मचारियों व राजपत्रिक अधिकारियों के खाते में भी राशि जमा होने की बात सामने आई है। पत्रिका पड़ताल में यह बात सामने आई है कि सूची में गरीबों व जरुरतमंदों के नामोंं के साथ कई सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों, आयकरदाताओं, राजपत्रित अधिकारियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के खातों में भी 2500-2500 रुपए की राशि जमा करवा दी गई है। ये सभी सरकार से सम्मानजनक वेतन भी प्राप्त कर रहे है। उधर, कई जरूरतमंद व्यक्तियों का सूची में नाम शामिल नहीं है।
सवाल यह उठ रहा है कि बिना किसी आर्थिक सर्वे के बीपीएल परिवार या जन-धन खातों की सूची देखकर इस तरह की राशि उनके खातों में जमा कैसे करवा दी गई। सूची में कई बीपीएल परिवार है, जो 20 वर्ष पूर्व बीपीएल थे, लेकिन आज वे सरकार से किसी न किसी तरह मानदेय या नौकरी प्राप्त कर अच्छा वेतन पा रहे हैं। उन्हें बीपीएल श्रेणी में नहीं कहा जा सकता है। यही नहीं सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों की पत्नियों के 0 बैलेंस खातों में राशि जमा करवा दी गई।
हकदार लगा रहे चक्कर
पोकरण क्षेत्र में कई अधिकारियों व कर्मचारियों के स्वयं या फिर उनकी पत्नी के बैंक खाते में सहायता राशि जमा हुई है। दूसरी तरफ पोकरण क्षेत्र में कई गरीब परिवार है, जिन्हें कोई सहायता नहीं मिली है, न ही वे बीपीएल की श्रेणी में आते है। ऐसे कई लोग प्रतिदिन उपखंड अधिकारी कार्यालय व नगरपालिका के चक्कर लगाते नजर आ रहे है। आए दिन ऐसे दर्जनों लोग चक्कर लगाते और अधिकारियों से पूछताछ करते नजर आ रहे है। इसके अलावा ये लोग प्रतिदिन बैंक जाकर अपने खाते भी संभाल रहे है।
होनी चाहिए जांच
सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खातों में राशि जमा होना तथा जरुरतमंदों को कुछ नहीं मिलना व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। उचित आधार व प्रबंधन नहीं होने के कारण सहायता राशि भी हकदारों को नहीं नहीं मिली है।
नहीं किया कोई आवेदन
मेरे पति प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है। मेरे वर्षों पूर्व खोले गए जन-धन बैंक खाते में 2500 रुपए जमा होने की जानकारी मिली है। जिसके लिए कभी कोई मांग या आवेदन नहीं किया गया। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
-मीना जोशी, निवासी वार्ड संख्या 5, पोकरण
नहीं है जानकारी
जो आपने बताया है, उसके बारे में अभी तक प्रशासन को किसी तरह की जानकारी नहीं है।
-अजय अमरावत, उपखंड अधिकारी, जैसलमेर

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