दो दशक से जर्जर पड़ा है सरकारी यात्रिका भवन, हो रहा दुर्दशा का शिकार
करोड़ों का सरकारी जर्जर भवन, बन गया शौचालय!
जैसलमेर
Updated: April 02, 2022 08:09:05 pm
रामदेवरा. धार्मिक स्थल पर वर्षों पूर्व करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च कर निर्माण करवाए गए भवन देखरेख व सारसंभाल के अभाव में जर्जर हो रहे है और ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गए है। जिससे सरकार की लाखों रुपए की धनराशि का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। गांव में वर्षों पूर्व पोकरण रोड पर यात्रिका भवन का निर्माण करवाया गया था। इंदिरा गांधी नहर केे निर्माण के समय इस भवन का उपयोग हो रहा था, लेकिन इसके बाद से ही भवन बेकार पड़ा है। तीन दशकों में जिम्मेदारों व प्रशासन ने इस भवन की तरफ झांका तक नहीं। ऐसे में भवन के हालात बद्तर हो चुके है। मरम्मत व सार-संभाल के अभाव में यह यात्रिका भवन शौचालय बना हुआ है। यहां से गुजरने वाले लोग इस भवन परिसर में शौच आदि से निवृत हो रहे है। जिससे यहां गंदगी बढ़ती जा रही है। दीवारों से प्लास्टर गिर रहा है। यहां लगे दरवाजे खिड़कियां तो कई वर्ष पूर्व अज्ञात चोर चुरा ले गए। शेष भवन की टूटी दीवारें, क्षतिग्रस्त छत इस बात की गवाही दे रहे है कि वर्षों से जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण सरकार के लाखों रुपए की राशि का किस प्रकार दुरुपयोग हो रहा है। यह क्षतिग्रस्त भवन आवारा पशुओं की शरणस्थली बना हुआ है। इसके अलावा मनचलों का भी यहां डेरा रहता है। इस जर्जर भवन के कभी भी भरभरा कर गिर जाने से किसी हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
गेट टूटा, लोहे के सरिए झांक रहे बाहर
यात्रिका भवन के मुख्य प्रवेश द्वार का गेट ही टूटा पड़ा है। अंदर प्रवेश करने पर छत की आरसीसी में लगाए गए लोहे के सरिए बाहर झांक रहे है और अपनी मरम्मत का इंतजार कर रहे है। आरसीसी के पिल्लर भी दरारों से भरे हुए है। यात्रिका भवन परिसर व भवन में गंदगी जमा पड़ी है। पोकरण-रामदेवरा मुख्य सड़क के किनारे स्थित होने के बावजूद दो दशकों से किसी जिम्मेदार ने भवन की तरफ देखा तक नहीं।
पत्रिका व्यू, सुध ले तो हो उपयोग
रामदेवरा-पोकरण सड़क मार्ग के किनारे स्थित यात्रिका भवन की समय रहते सुध ली जाती है तो लाखों रुपए की धनराशि खर्च कर बनाया गया भवन गिरने से बच पाएगा। इसके बाद मेलावधि के दौरान यहां आने वाले सैंकड़ों सुरक्षा कर्मियों के साथ अन्य प्रशासनिक अधिकारियों व कार्मिकों के यहां रुकने की व्यवस्था की जाती है। मेले के अन्य दिनों में इसे मिड-वे या गैस्ट हाऊस अथवा डाक बंगले के रूप में उपयोग लिया जा सकता है। जिससे धार्मिक स्थली रामदेवरा में प्रतिवर्ष आने वाले वीआइपी व वीवीआइपी के रुकने की भी व्यवस्था की जा सकती है।
फैक्ट फाइल:-
- 30 वर्ष पूर्व करवाया गया था यात्रिका भवन का निर्माण
- 20 वर्षों से नहीं हुई मरम्मत व सार-संभाल
- 800 मीटर दूर है बाबा रामदेव की समाधिस्थल से
सुपुर्द करें तो करवाई जाएगी मरम्मत
यात्रिका भवन को यदि ग्राम पंचायत को सुपुर्द किया जाता है तो इसकी मरम्मत करवाकर उपयोग लायक कर दिया जाएगा। साथ ही वर्षभर इसका उपयोग भी लिया जा सकेगा।
- समंदरसिंह तंवर, सरपंच ग्राम पंचायत, रामदेवरा।

दो दशक से जर्जर पड़ा है सरकारी यात्रिका भवन, हो रहा दुर्दशा का शिकार
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