scriptरेगिस्तान को नखलिस्तान बनाने का इन्होने किया ‘चमत्कार’ | He did a 'miracle' to make the desert an oasis. | Patrika News

रेगिस्तान को नखलिस्तान बनाने का इन्होने किया ‘चमत्कार’

locationजैसलमेरPublished: Jun 04, 2020 07:50:31 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-128वीं पैदल वाहिनी ने बंजर भूमि पर अब तक लगाए 1.70 करोड़ पौधे

रेगिस्तान को नखलिस्तान बनाने का इन्होने किया 'चमत्कार'

रेगिस्तान को नखलिस्तान बनाने का इन्होने किया ‘चमत्कार’

मोहनगढ. रेगिस्तानी भूभाग की जिस जमीन को बंजर कहकर हमेशा से अभिशापित बताया जाता रहा है, वहां वर्तमान में पेड़-पौधों से आच्छादित वन हर किसी का मन मोह लेता है तथा वन्यजीव निर्भय होकर विचरण करते हैं। यह सब किसी चमत्कार के साकार होने जैसा है और इस असंभव से प्रतीत होने वाले कार्य को संभव कर दिखाया है, 128वीं पैदल वाहिनी (प्रादेशिक सेना) पर्यावरण राज रिफ ने। 1997 से लेकर अब तक इस बटालियन ने मोहनगढ़ क्षेत्र में 1 करोड़ 70 लाख 11 हजार पौधे लगा दिए हैं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बटालियन के अधिकारी व जवान जी-जान लगा कर कार्य कर रहे हैं। इस वजह से मोहनगढ़ क्षेत्र का रेगिस्तानी इलाका हरा-भरा नजर आने लगा है। इस कार्य के लिए बटालियन को जिला और राज्य ही नहीं राष्ट्रीय स्तर तक के अवार्ड मिल चुके हैं।
बंजर भूमि को बनाया हरा भरा
128वीं पैदल वाहिनी की स्थापना एक सितम्बर 1983 में हुई थी। यह प्रादेशिक सेना का अंग है तथा भारतीय सैन्य सेवा के अधीन कार्यरत है। बटालियन ने 1983 से 1997 तक बीकानेर जिले के अमरसिंहपुरा क्षेत्र में कार्य किया। उसके बाद 1997 में मोहनगढ़ क्षेत्र में कार्य शुरू किया गया। बटालियन की ओर से मोहनगढ़ क्षेत्र के दुर्गम स्थलों पर ही पौधे लगाने का कार्य किया गया। जहां पर बंजर भूमि ही थी। ऐसी बंजर भूमि, रेतीले टीलों पर पानी ले जाना असंभव कार्य था। उसके बावजूद बटालियन ने इन धोरों पर भी हरियाली की चादर बिछा दी। बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल विक्रमसिंह राठौड़ ने कहा था कि 1997 से लेकर अब तक बटालियन 1 करोड़ 70 लाख 11 हजार पौधों का रोपण किया जा चुका है। मोहनगढ़ क्षेत्र की 18689 हैक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया गया। पौधों का रोपण करने व उसे पाल पोस कर बड़ा करने के चार साल बाद संबंधित ग्राम पंचायत को क्षेत्र सुपुर्द किया जाता है। इस वर्ष 600 हैक्टेयर भूमि पर 6 लाख पौधे लगाए जाने हैं। इसके बारे में अभी से कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है। बरसात के शुरू होते ही पौधारोपण का कार्य किया जाएगा। जिसमें रोहिड़ा, खेजड़ी, बेर सहित अन्य कई प्रकार के पौधों का रोपण किया जाना है। इनके बीज का छिड़काव भी किया जाएगा।
बटालिन तीन स्थानों पर कर रही कार्य
128वीं पैदल वाहिनी की ओर से पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा वन्य जीव संरक्षण का कार्य भी कर रही है। बटालियन की तीन कंपनियां अलग अलग स्थानों पर क्षेत्र को हरा भरा बनाने के का कार्य कर रही है। जिसमें एक कंपनी मोहनगढ़ क्षेत्र में पनोधर राय मंदिर क्षेत्र में कार्य कर रही है। दूसरी कंपनी जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन में पौधरोपण कार्य कर रही है। तीसरी कंपनी राष्ट्रीय मरु उद्यान के सम क्षेत्र में पौधरोपण के साथ वन्य जीव संरक्षण कार्य भी कर रही है।
बटालियन में गार्ड किए विकसित
128वीं पैदल वाहिनी की ओर से क्षेत्र को हरा भरा बनाने के साथ साथ पौधे लगाने के लिए अपनी अलग से नर्सरी भी स्थापित की गई है। जिसमें बटालियन की ओर से पौधे तैयार किए जा रहे हैं। पौधों के अलावा बटालियन फ्रूट गार्डन, गुलाब गार्डन, मसाला गार्डन, औषधीय गार्डन भी विकसित किए गए है। फ्रूट गार्डन में आम, अनार, किन्नू, अंजीर, आंवला, गंूदा, बैर, नीम्बू, सीताफल, अंगूर, अमरूद, जामुन आदि के पौधे लगाए गए हैं। गुलाब गार्डन में विभिन्न प्रकार के गुलाब के पौधे लगाए गए हैं। वहीं औषधीय गार्डन व मसाला गार्डन में भी विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगे हैं। ये ग्रामीणों व अन्य स्थानों से वन विभाग के प्रशिक्षुओं को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए ये गार्डन तैयार किए गए हैं ताकि समय समय पर जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है।
पौधरोपण व पर्यावरण सरंक्षण को लेकर मिल चुके सम्मान
सर्दी एवं गर्मी के अलावा विपरीत परिस्थितियों में बटालियन के अधिकारियों व जवानों ने क्षेत्र में हरियाली ला दी है। इस कार्य को लेकर बटालियन को कई अवार्ड भी मिल चुके हैं। जिसमें इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्षमित्र पुरस्कार 1989 तत्कालिक प्रधानमंत्री वीपी सिंह द्वारा प्रदान किया गया है। इसके अलावा रोटरी क्लब बॉम्बे का निसर्ग मित्र पुरस्कार 1999-2000, महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन उदयपुर द्वारा 2000-01 के लिए महाराणा उदय सिंह मेवाड़ पुरस्कार, महारानी मरुधर कंवर पुरस्कार 2002-03, पर्यावरण संतुलन एवं मरु सुधार विशेष पुरस्कार 2003, स्वतंत्रता दिवस 2008 को राज्य स्तरीय प्रशंसा पत्र, स्वतंत्रता दिवस 2008 को जिला स्तरीय प्रशंसा पत्र, पर्यावरण मंत्रालय का इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार 2011, गणतंत्र दिवस 2016 को जिला स्तरीय प्रशंसा पत्र, आठवां जेएसडब्ल्यू टाइम्स ऑफ इंडिया अर्थ केयर अवार्ड 2018, गणतंत्र दिवस 2020 पर राज्य स्तरीय प्रशस्ति पत्र राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा प्रदान किया गया। उसके बाद फतेह सिंह राठौड़ वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन रणथम्भौर अवार्ड 2020 भी प्रदान किया गया।
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