कुलधरा में पुनरुद्धार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई अब 4 नवंबर को
जैसलमेरPublished: Oct 23, 2019 11:39:52 am
राजस्थान हाईकोर्ट ने जैसलमेर जिले में स्थित पालीवालों के प्राचीन गांव कुलधरा मेंं पुनरुद्धार के नाम पर किए गए बदलावों को लेकर दायर जनहित याचिका पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा पेश रिपोर्ट पर जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी।
कुलधरा में पुनरुद्धार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई अब 4 नवंबर को
जैसलमेर/जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जैसलमेर जिले में स्थित पालीवालों के प्राचीन गांव कुलधरा मेंं पुनरुद्धार के नाम पर किए गए बदलावों को लेकर दायर जनहित याचिका पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा पेश रिपोर्ट पर जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ में याचिकाकर्ता सुनील पालीवाल द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन की ओर से अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य ने पक्ष रखने के लिए समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने 6 मई को एएसआई को एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे, जिसने 26 अगस्त को कुलधरा का निरीक्षण किया। संयुक्त महानिदेशक (स्मारक) एम.नम्बीराजन की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार करीब 400 खंडहरों में पांच का पूर्ण रूप से पुनरुद्धार किया गया, जिन्हें अब प्रशासनिक खंड, म्यूजियम शॉप, मॉडल पालीवाल हाउस, म्यूजियम एवं कैफेटेरिया बताया गया है। कमेटी ने कहा कि मॉडल पालीवाल हाउस अच्छा विचार है और इससे आगुंतकों को पालीवालों की जीवनशैली का पता लगेगा, लेकिन इसके इंटीरियर में जरूरत से ज्यादा आधुनिकीकरण किया गया है। गौरतलब है कि कुलधरा को वर्ष 2008 में संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था। वर्ष 2015 में जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन व राज्य सरकार के बीच कुलधरा के पुनरुद्धार योजना के लिए अनुबंध हुआ, जिसके तहत पर्यटन सुविधाएं, कैफे, लांज, लोकनृत्य प्रदर्शन स्थल, रात्रि विश्राम के लिए कॉटेज, म्यूजियम, प्रशासनिक खंड आदि प्रस्तावित किए गए थे। याची की ओर से अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री ने पैरवी की।