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इंटर्नशिप ड्यूटी में ‘चहेतों’ पर हुई मेहरबानी !

locationजैसलमेरPublished: Dec 04, 2016 08:03:00 pm

Submitted by:

jitendra changani

-शहरी व नजदीकी स्कूलों में थोक के भाव आशार्थी खपाए
-७५० से अधिक आशार्थी स्कूलों में लगाए

teacher in jaisalmer

teacher in jaisalmer

जैसलमेर. बीएसटीसी और बीएड कर रहे आशार्थियों को अध्यापन का व्यावहारिक ज्ञान करवाने और कम शिक्षकों वाले सरकारी स्कूलों में उनके माध्यम से अध्ययन का स्तर सुधारने की योजना में ‘चहेतों’ पर ‘मेहरबानी’ हुई है। जैसलमेर जिला स्तर पर चहेतों को आसपास के स्कूलों में ‘सेट’ कर दिया गया है। जिले में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से जिले के बीएड कॉलेजों के अलावा बाहरी जिलों में बीएड और एसटीसी करने वाले जिले के आशार्थियों को ‘चेहरा देखकर तिलक करने’ की तर्ज पर इंटर्नशिप के लिए स्कूल आवंटित किए हैं। यह अलग बात है कि जिम्मेदार इस बात से इनकार कर रहे हैं। 
चहेतों का खास ख्याल

शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में जारी की गई सूची से यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रभावी परिवारों के आशार्थियों को उनके घर के नजदीक ही स्कूल आवंटित किए गए हैं। मसलन ऐसे आशार्थी अगर जैसलमेर शहर के निवासी हैं तो उन्हें शहर में स्थित अथवा ५ से १० कि.मी. की दूरी पर अवस्थित स्कूलों में भेजा गया है, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के स्थायी निवासियों को उनके ही गांव अथवा नजदीकी ग्रामीण स्कूल का आवंटन किया गया है। इसके विपरीत जो आशार्थी राजनीतिक अथवा विभागीय लिहाज से प्रभावशाली नहीं हैं, उन्हें दूरदराज के स्कूलों का आवंटन किया गया। इसके चलते जैसलमेर शहर के राबाउप्रावि इगांनप, राबाउप्रावि कुम्हार वास, राउप्रावि पुलिस लाइन, राउमावि, राउप्रावि नं. ३, राउप्रावि दुर्ग, राउमावि और पोकरण शहर व उसके आसपास के राजकीय विद्यालयों में १० से २० तक आशार्थियों को खपाया गया है। भले ही उन विद्यालयों में शिक्षकों के इतने पद रिक्त हो या न हो।
इसी वर्ष से लागू हुई व्यवस्था

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इसी वर्ष बीएड का पाठ्यक्रम दो वर्ष का किया है, जिसके अनुसार इंटर्नशिप की व्यवस्था लागू की गई है। बीएड प्रथम वर्ष के आशार्थी २८ दिन और द्वितीय वर्ष वालों को ४ माह तक आवंटित विद्यालयों में अध्यापन करवाना अनिवार्य है।प्रथम वर्ष के आशार्थी कक्षा १ से ८ तक और द्वितीय वर्ष वालों को कक्षा ६ से १० तक के विद्यार्थियों को पढ़ाना होगा। ऐसे ही एसटीसी प्रथम वर्ष के आशार्थी कक्षा १ से ५ व द्वितीय वर्ष वाले कक्षा ६ से ८ तक के विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। सरकार चाहती है कि इन आशार्थियों का उपयोग शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में प्रमुखता से किया जाए।
‘पहले आओ पहले पाओ’ से आवंटन

इंटर्नशिप के लिए आशार्थियों को ‘पहले आओ पहले पाओ’ की तर्ज पर विद्यालयों का आवंटन उनकी पसंद के आधार पर किया गया है। ऐसे कई आशार्थी हैं, जो जैसलमेर के निवासी हैं, उन्हें जैसलमेर में ही लगाया गया है। ऐसा ग्रामीण आशार्थियों के साथ भी हुआ है। इसमें किसी तरह की सिफारिश स्वीकार नहीं की गई है।
बंशीलाल रोत, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, जैसलमेर

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