जैसलमेरPublished: Nov 19, 2022 07:55:18 pm
Deepak Vyas
- कौमी एकता सम्मेलन में एकता व अखंडता का दिया संदेश
पोकरण. राजस्थान सरकार के अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ, उपनिवेशन, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयेागिता विभाग के मंत्री व पोकरण विधायक शाले मोहम्मद ने कहा कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत का है। इसलिए प्रत्येक समाज के लोगों को आपस में एकता रखते हुए देश की अखंडता, आपसी भाईचारे, सद्भाव के लिए कार्य करना चाहिए। कस्बे के अंबेडकर सर्किल पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल की ओर से रविवार को आयोजित कौमी एकता व सर्वधर्म सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए मंत्री शाले मोहम्मद ने कहा कि देश के सभी धर्मों के लोग आपस में एकता रखते है तो दुनिया की कोई ताकत भारत का बाल भी बांका नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले भारत सोने की चीडिय़ा व विश्वगुरु कहलाता था। इसके बाद कई आक्रांताओं व अंग्रेजों ने देश पर राज किया और देश के सोने को लूटा। इसके बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने लाठी लेकर अहिंसा के बल पर देश को आजाद करवाने के लिए अभियान छेड़ा। आजादी के इस आंदोलन में लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी। आजादी के आंदोलन में कुर्बानी देने वाले लोगों ने कभी धर्म, जाति, समाज के नाम पर भेदभाव नहीं किया तथा भारत देश के नाम पर त्याग, तपस्या कर बलिदान दिया। उसी की बदोलत मुल्क को आजादी मिली। उन्होंने देश की आजादी के आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले महापुरुषों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके बताए एकता, अखंडता, आपसी भाईचारे, प्रेम, सद्भाव के संदेश को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने और मिल-जुलकर बिना किसी भेदभाव के साथ परिवार के रूप में साथ रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति धर्मों के बीच जहर घोलने का कार्य करता है तो उसे समाज से बाहर करें, ताकि समाज, परिवार एकता के साथ देश के विकास में भागीदार बन सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में कई लोग सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर समाज में दरार करने का कार्य कर रहे है, जो गलत है। उन्होंने सोशल मीडिया का सदुपयोग करने और माहौल खराब कर समाज के बीच खाई करने वाले लोगों का विरोध करने की बात कही। उन्होंने काउंसिल की ओर से चलाए जा रहे कौमी एकता के अभियान की सराहना करते हुए आमजन से सहयोग कर मुल्क की तरक्की में भागीदार बनने की बात कही।
मुल्क बड़ा, उसी से हो पहचान
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जानशीन दीवान व सज्जादानशीन हजरत ख्वाजा गरीब नवाज र.अ. अजमेर शरीफ एवं काउंसिल के अध्यक्ष सैय्यद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि जब व्यक्ति किसी दूसरे मुल्क में घूमने जाता है और वहां के नागरिक पूछते है तो हमारी पहचान हिन्दूस्तानी के रूप में होनी चाहिए, न कि धर्म या समाज के नाम से। इसी को लेकर काउंसिल कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कई लोग समाज में जहर घोलने का कार्य कर रहे है, जिसका विरोध करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी धर्म आपसी प्रेम, भाईचारे, सद्भाव के साथ जीना, अन्य धर्मों की आदर करना सीखाते है, लडऩा नहीं। उन्होंने कहा कि हिन्दूस्तान गंगा जमुनी तहजीब का देश है। कई लोग अन्य धर्म, मजहब को बुरा कहते है, धर्म के नाम पर अधर्म करते है, नफरत की बात कहते है, ऐसे लोगों का विरोध करना चाहिए। उन्होंने गत दिनों श्रद्धा नाम की लड़की की आफताब की ओर से की गई निर्मम हत्या के मामले की निंदा करते हुए जघन्य अपराध बताया। उन्होंने कहा कि इंसान इंसानियत को भूलकर जानवरों व राक्षसों जैसा काम कर रहे है, जो सभ्य समाज के लिए चिंता का विषय है। ऐसी घटनाओं के आरोपी इंसानियत के साथ समाज व देश के भी दुश्मन है। ऐसे आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो। उन्होंने कार्यक्रम में आए लोगों व सहयोगकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।