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शिक्षण व्यवस्था की कैसे हो निगरानी !

locationजैसलमेरPublished: Jan 19, 2021 04:59:30 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-जिलास्तरीय सभी अधिकारियों के पद रिक्त-अतिरिक्त बोझ से थक रहे शिक्षा विभागीय अधिकारी

शिक्षण व्यवस्था की कैसे हो निगरानी !

शिक्षण व्यवस्था की कैसे हो निगरानी !

जैसलमेर. करीब दस माह तक बंद रहने के बाद सरकारी-गैरसरकारी विद्यालयों में ऑफलाइन पढ़ाई शुरू हो गई है। हालांकि अब भी पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य ऑनलाइन चल रहा है। दूसरी ओर जिले के शिक्षा विभाग में जिलास्तरीय अधिकारियों के तमाम पद बीते लम्बे अर्से से रिक्त होने की वजह से शिक्षण व्यवस्था और शिक्षकों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। दूसरी ओर एक अधिकारी पर आधा दर्जन जिलास्तरीय अधिकारियों का अतिरिक्त कार्यभार देकर शिक्षा विभाग बुनियादी समस्या से आंखें मूंदे बैठा है। अन्य कनिष्ठ अधिकारियों पर भी अतिरिक्त कार्यभार से थकान हावी हो रही है तथा बीते अर्से के दौरान दो जिलास्तरीय अधिकारियों ने समय से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। कहीं न कहीं इसके पीछे काम के बोझ की विकट समस्या जिम्मेदार मानी जा रही है।
यह है स्थिति
वर्तमान में सम पंचायत समिति के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दलपतसिंह के पास मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, प्रारंभिक, जिला साक्षरता अधिकारी, समग्र शिक्षा के जिला परियोजना और अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक का अतिरिक्त कार्यभार है। ऐसे ही जैसलमेर समिति की मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को डाइट प्रधानाचार्य का अतिरिक्त चार्ज दिया हुआ है। इस एवजी व्यवस्था से स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था की मोनेटरिंग कितनी पुख्ता होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा शिक्षा विभाग के इन अधिकारियों को आए दिन बैठकों में भाग लेना होता है तथा मुख्यालय से मांगी जाने वाली सूचनाओं से लेकर दिशा निर्देशों की पालना करने की जिम्मेदारी रहती है। शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि अधिकारियों के पद रिक्त होने से जैसलमेर में शिक्षकों के विभागीय कामकाज की गति बहुत धीमी हो गई है।
अधिकारी आते नहीं
जैसलमेर में जिलास्तरीय अधिकारियों का टोटा रहने की बड़ी वजह यहां आकर काम करने के प्रति बाहरी अधिकारियों की अरुचि है। अगर कभी बाहर के अधिकारियों को यहां पदस्थापित भी कर दिया जाए तो वे मिलने वाले अवकाशों का इस्तेमाल करते हुए ज्यादातर समय मुख्यालय से बाहर रहते हैं। इसके अलावा किसी न किसी तरह से राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल करते हुए गृह क्षेत्र में स्थानांतरण करवा लेते हैं।
अधिकारियों की कमी की मार झेलता जैसलमेर
जैसलमेर में हमेशा ही शिक्षा अधिकारियों की कमी रही है। यहां आने वाले अधिकारी अधिकांशत: सजायाफ्ता होते हैं और वे अवसर मिलते ही यहां से तबादला करवा लेते हैं। दूसरी तरफ चुनाव संबंधी कार्य भी जिला प्रशासन शिक्षा विभाग के अधिकारियों से करवाता है। वहीं जिले में कार्यरत शिक्षक अपने काम के लिए शिक्षा विभाग के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।
-प्रकाश विश्नोई, प्रदेश मंत्री, राज शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ
कार्य का बोझ बढ़ा
जिलास्तरीय अधिकारियों का अतिरिक्त कार्यभार मिलने से काम का बोझ तो बढ़ गया है। ऑनलाइन कार्य व बैठकों आदि का भी काम बहुत होता है। फिर भी दी गई जिम्मेदारियों का समुचित निर्वहन करने की पूरी कोशिश करते हैं।
-दलपतसिंह, कार्यवाहक मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जैसलमेर
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