scriptJAISALMER NEWS- इस मजबूरी में विद्यालय छोड़ रहे विद्यार्थी, कैसे सुधरेगा शिक्षा का स्तर… | How to improve the level of government schools | Patrika News

JAISALMER NEWS- इस मजबूरी में विद्यालय छोड़ रहे विद्यार्थी, कैसे सुधरेगा शिक्षा का स्तर…

locationजैसलमेरPublished: Jan 17, 2018 10:59:13 am

Submitted by:

jitendra changani

ऐसे तो कैसे सुधरेगा सरकारी विद्यालयों का स्तर

Jaisalmer patrika

patrika news

शहरी क्षेत्र में शिक्षकों की कमी से विद्यालय छोडऩे को मजबूर विद्यार्थी

पोकरण (जैसलमेर). पोकरण क्षेत्र के दूर-दराज के गांवों व ढाणियां तो दूर, यहां शहरी क्षेत्र के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षा के बुरे हाल है। कस्बे में स्थित आधा दर्जन से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी होने से विद्यालयों में न केवल नामांकन घट रहा है, बल्कि गत एक साल से शिक्षण कार्य बंद पड़ा है। गौरतलब है कि गत दो वर्ष पूर्व सरकार की ओर से शिक्षा नियम 6डी के अंतर्गत शिक्षकों के स्थानांतरण माध्यमिक विद्यालयों में कर दिए गए। जिससे माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद भर दिए गए, लेकिन शिक्षकों की कमी के चलते प्राथमिक शिक्षा के हालात निराशाजनक हो गए।
विद्यालय छोडऩे को मजबूर
कस्बे के सभी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दो वर्ष पूर्व तक शिक्षकों के सभी पद भरे हुए थे। जिसके चलते यहां विद्यार्थियों की संख्या भी 300-400 तक हुआ करती थी, लेकिन अधिकांश शिक्षकों के तबादले माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कर दिए जाने के कारण शिक्षकों की कमी के चलते विद्यार्थियों की संख्या लगातार घटती जा रही है। छात्र-छात्राएं विद्यालय छोडऩे, निजी विद्यालयों में अध्ययन करने के लिए मजबूर हो रहे है।
इंटर्नशिप से चल रहा काम
इन दिनों बीएड करने वाले छात्राध्यापकों की इंटर्नशिप चल रही है। कुछ विद्यालयों में एक माह के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बीएड छात्राध्यापकों को इंटर्नशिप के दौरान विद्यालय आवंटित कर उन्हें अध्ययन करवाने के लिए लगाया गया है। छात्राध्यापकों की ओर से अध्ययन करवाने से विद्यालयों में काम चल रहा है तथा विद्यार्थियों का कोर्स पूरा करने के प्रयास किए जा रहे है।

1 वर्ष से केवल 1 शिक्षक व 1 शारीरिक शिक्षक
कस्बे के सूरजप्रोल व फलसूण्ड रोड के बीच स्थित कस्बे के सबसे पुराने राउप्रावि संख्या एक में वर्ष 2016 में 350 व 2017 में 185 का नामांकन था। यहां एक प्रधानाध्यापक, एक शारीरिक शिक्षक व 10 शिक्षकों के पद स्वीकृत है। विद्यालय में गत एक वर्ष से मात्र एक शिक्षक व एक शारीरिक शिक्षक कार्यरत है। जिसमें से शिक्षक का भी अन्यत्र तबादला हो चुका है। यहां अब केवल 87 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। एक शिक्षक के लिए विद्यार्थियों को पढाना, उन्हें संभालना, कार्यालय का कामकाज निपटाना तथा सरकारी बैठकों में जाना मुश्किल हो रहा है।
विद्यालय में सात पद खाली
कस्बे के खटीकों का बास में स्थित राउप्रावि केकेबास में 162 का नामांकन है। यहां प्रधानाध्यापक, शारीरिक शिक्षक के एक-एक तथा शिक्षकों के सात पद स्वीकृत है। जिसमें से प्रधानाध्यापक, शारीरिक शिक्षक व एक शिक्षक का पद भरा हुआ है। जबकि शिक्षकों के सात पद रिक्त पड़े है। प्रधानाध्यापक सरकारी बैठकों, कार्यालय कामकाज व अन्य कार्य में व्यस्त रहते है। ऐसे में एक शिक्षक व शारीरिक शिक्षक के लिए अध्ययन करवाना व विद्यार्थियों को संभालना मुश्किल है।
Jaisalmer patrika
IMAGE CREDIT: patrika
यहां भी शिक्षकों की कमी
कस्बे के कुम्हारों के बास में खींवज जाने वाले मार्ग पर स्थित राउप्रावि केकेबास के हालात भी यही है। इस विद्यालय में सर्वाधिक 345 छात्र-छात्राएं अध्ययन करते है। यहां एक प्रधानाध्यापक व एक शारीरिक शिक्षक कार्यरत है। जबकि 11 विषयाध्यापकों के पद रिक्त पड़े है। विद्यार्थियों की इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद यहां शिक्षक नहीं लगाए जा रहे है।
सरकारी नीतियां जिम्मेवार
प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की इस स्थिति के लिए सरकार की नीतियां जिम्मेवार है। जिसके चलते शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में लगाकर यहां के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सरकार की ओर से शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में रिक्त पड़े शिक्षकों के पद भरने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो संघ की ओर से आंदोलन किया जाएगा।
-राणीदानसिंह भुट्टो, जिलाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय जैसलमेर , पोकरण।
Jaisalmer patrika
IMAGE CREDIT: patrika

ट्रेंडिंग वीडियो