डिजिटल युग में भी बहियों का महत्व, रखा-जाता है हिसाब-किताब
जैसलमेरPublished: Nov 14, 2020 03:18:28 pm
-दीपावली पर पूजन करने की परंपरा
डिजिटल युग में भी बहियों का महत्व, रखा-जाता है हिसाब-किताब
जैसलमेर. डिजिटल युग में यों तो हिसाब-किताब के लिए एप का उपयोग होने लगा है, लेकिन फिर भी दीपावली के मौके पर बहियों की बिक्री बढ़ गई है। हकीकत यह है कि कंप्यूटर व साइबर के दौर में खातों का लेखा-जोखा रखने के लिए बहियों का उपयोग भले ही घटा हो, लेकिन आज भी सरहदी जैसलमेर जिले में परंपरागत बहियों में हिसाब-किताब रखने का प्रचलन है। यही नहीं कुछ व्यापारियों के पास तो पीढियों से हिसाब-किताब बहियों में लिखा हुआ मौजूद है। दीपावली पर्व पर गणेश व लक्ष्मी पूजन के बाद दुकानों या व्यापारिक प्रतिष्ठानों में बहियों की पूजा की जाती है। दुकानदार बताते हैं कि दीपावली के मौके पर बहियों की बिक्री बढ़ जाती है। लोग बहियों को लक्ष्मी का प्रतीक मानकर पूजा करते है। हालांकि कंप्यूटर पर एकाउंट को व्यवसस्थित रखा जाता है, फिर भी पीढियों से उपयोग में लिया जाने के कारण बहियों का महत्व अधिक है। बही में दिन व वार के साथ पूरा विवरण आसानी से लिखा जा सकता है। बही में खाते की जांच भी कर सकते है।