परंपरागत कृषि विकास योजना को लेकर दी जानकारी
जैसलमेरPublished: Feb 06, 2021 07:47:06 pm
-कृषि विज्ञान केन्द्र में कार्यशाला का आयोजन
परंपरागत कृषि विकास योजना को लेकर दी जानकारी
जैसलमेर. कृषि विज्ञान केंद में परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दीपक चतुर्वेदी ने किसानों को संबोधित करते हुए जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही परंपरागत कृषि विकास योजना के बारे में विस्तृत चर्चा की। डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान समय जैविक खेती करना आवश्यक है, क्योंकि लंबे समय से रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से जहां मृदा की उपजाऊ क्षमता कम होने के साथ-साथ इसका सीधा प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर देखने को मिल रहा है। मृर्दा के संरक्षण के लिए जैविक खेती एक अच्छा विकल्प है। कृृषि विज्ञान केंद्र के शस्य वैज्ञानिक डॉ. रणवीर कुमार यादव ने कहा कि जैविक खेती हेतु वर्मी कंपोस्ट का बहुत अधिक महत्व है। इसके साथ ही डॉ. यादव ने कहा कि किसान अपने स्तर पर मिलकर विशेष तरह के क्लस्टर बनाएं, जिसमें वे जैविक खेती को बढ़ावा देने वाली क्रियाओं जैसे वर्मी कंपोस्ट तैयार करना अधिकाधिक कार्बनिक पदार्थों का प्रयोग करना जैविक उर्वरकों का प्रयोग करना साथ ही पादप संरक्षण के प्राकृतिक उपाय अपनाकर जैविक खेती को बढ़ावा दे सकेंगे। कार्यकम में पशुपालन वैज्ञानिक शंकरलाल ने कहा कि परंपरागत कृषि विकास योजना में पशुपालन का अत्यधिक महत्व है, किसान पशुओं से प्राप्त होने वाले मल मूत्र इत्यादि का प्रयोग वर्मी कंपोस्ट वह कंपोस्ट बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा दे सकेंगे।