जैसलमेरPublished: Nov 28, 2022 08:12:53 pm
Deepak Vyas
– प्रसव में भी इसी एम्बुलेंस का कर रहे उपयोग
केवल चिरंजीवी एम्बुलेंस के भरोसे घायल, मरीज व प्रसूताएं
पोकरण. विधानसभा क्षेत्र का पहला तथा जिले का दूसरा बड़ा राजकीय उपजिला चिकित्सालय, जहां वर्षों से एम्बुलेंस के चालक का पद रिक्त पड़ा है। जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाएं मात्र 108 व चिरंजीवी एम्बुलेंस के भरोसे चल रही है। हालांकि कुछ माह पूर्व एक संस्थान की ओर से अस्पताल में एम्बुलेंस भी भेंट की गई थी, लेकिन यह एम्बुलेंस भी चालक के अभाव में खड़ी ही है और उसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि पोकरण में वर्षों पुराना राजकीय अस्पताल स्थित है। यहां प्रतिदिन 700 से 800 मरीज अपने उपचार के लिए पहुंचते है। पोकरण क्षेत्र बड़ा होने, दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित होने, रामदेवरा मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आवक, पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज होने के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाओं व अन्य हादसों में घायलों को इसी अस्पताल लाया जाता है। आसपास ग्रामीण क्षेत्र से रैफर मरीज भी अपने उपचार के लिए यहीं पहुंचते है। जबकि यहां एम्बुलेंस के चालक का पद ही स्वीकृत नहीं है। जिसके कारण 108 एम्बुलेंस की सेवाओं का सहारा लिया जा रहा है। जिससे कई बार गंभीर स्थिति में हालत गंभीर बन जाती है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
एम्बुलेंस तो दी, चालक की नहीं मिली स्वीकृति
राजकीय अस्पताल में कुछ माह पूर्व सेव द चिल्ड्रन संस्थान की ओर से एक एम्बुलेंस भेंट की गई। अस्पताल में चालक का पद ही स्वीकृत नहीं है। जिसके कारण यह एम्बुलेंस ऐसे ही खड़ी है। जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। वर्षों पुराने अस्पताल होने के बावजूद यहां चालक नहीं है। हालांकि इस संबंध में अस्पताल प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था व अस्थायी चालक लगाने के लिए उच्चाधिकारियों से मांग की गई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
108 व चिरंजीवी के भरोसे व्यवस्था
राजकीय अस्पताल में एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं होने के कारण मात्र 108 व चिरंजीवी एम्बुलेंस के भरोसे ही व्यवस्था चल रही है। अस्पताल में एक 108 एम्बुलेंस व एक चिरंजीवी एएलएस एम्बुलेंस कार्यरत है। हालांकि इनका मुख्य कार्य तो सड़क हादसों में घायलों अथवा गंभीर हालत के मरीजों को अस्पताल पहुंचाना व उन्हें रैफर करना है, लेकिन इसी एम्बुलेंस से बुखार, डेंगू के मरीजों, नवजात शिशु को रैफर करने एवं प्रसव पीडि़त महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इन कार्यों में एम्बुलेंस के चले जाने के दौरान यदि कोई सड़क दुर्घटना हो जाती है तो घायलों को निजी वाहनों से ही अस्पताल लाना पड़ता है।
1 साल से नहीं है 104 एम्बुलेंस नहीं
अस्पताल में पूर्व में 104 एम्बुलेंस कार्यरत थी। जिससे प्रसव पीडि़त महिलाओं को अस्पताल लाने, रैफर करने एवं पुन: घर तक पहुंचाने का कार्य हो जाता था, लेकिन बीते 1 वर्ष से 104 एम्बुलेंस यहां कार्यरत नहीं है। जिसके कारण प्रसव पीडि़ताओं को अस्पताल लाने और रैफर करने के दौरान 108 या चिरंजीवी एम्बुलेंस का उपयोग किया जा रहा है। जिससे कई बार अन्य मरीजों या घायलों को अस्पताल तक लाने और रैफर करने में खासी परेशानी होती है।
108 से जोधपुर भेजे गए केस
माह रैफर
जुलाई 24
अगस्त 22
सितंबर 22
अक्टूबर 23
उच्चाधिकारियों को करवाया है अवगत
अस्पताल में संस्था की ओर से दी गई एम्बुलेंस पर अस्थायी चालक लगाने के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। जैसलमेर से अस्थायी एम्बुलेंस चालक लगाया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया चल रही है।
– डॉ.कामिनी गुप्ता, प्रभारी राजकीय उपजिला चिकित्सालय, पोकरण।