यह परेशानियां भी
रैन बसेरा के ठीक पीछे नेहरू पार्क आया हुआ है।यहां बड़ी तादाद में पशु डोलते रहते हैं।आसपास के दुकानदार अपशिष्ट वहीं ले जाकर डालते हैं।जिससे रैन बसेरे के पास वातावरण दूषित होता है।दरअसल पार्क का मुख्य द्वार खुला रखे जाने से पशुओं सहित अन्य कचरा फेंकने वालों पर रोक नहीं लग पा रही है। शहर में हनुमान चौराहा के साथ रेलवे स्टेशन के पास दो रैन बसेरों का संचालन किया जा रहा है। इसके बावजूद हनुमान चौराहा, पंचायत समिति सम चौराहा, गड़ीसर चौराहा और रेलवे स्टेशन के पास ही फुटपाथ ही नहीं डिवाइडर पर भी अनेक लोग खुले में रात बिताते देखे जा सकते हैं।ऐसे बेसहारा लोगों को कभी कोई वाहन रात के समय अपनी चपेट में ले सकता है।प्रशासनिक स्तर पर उन्हें वहां से हटाकर रैन बसेरों में स्थानांतरित करने के गंभीर प्रयास कभी नहीं हुए।