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सरकारी अस्पतालों की पोल खोलती रिपोर्ट… अयोग्य हाथों से हो रही है स्वास्थ्य जांच

locationजोधपुरPublished: Sep 10, 2016 05:48:00 pm

Submitted by:

Nidhi Mishra

सहायक प्रयोगशाला तकनीशियन राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में बिना पंजीकरण के कर रहे कार्य

health check up

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मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के तहत मरीजों की जांच तो निशुल्क की जा रही है, लेकिन यह जांच व्यवस्था ठेके पर लगाए गए सहायक प्रयोगशाला तकनीशियन के हाथ में है। जोधपुर समेत प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में ठेके पर लगाए गए करीब 700 से अधिक सहायक प्रयोगशाला तकनीशियन न केवल शैक्षणिक रूप से अयोग्य हैं बल्कि राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीकृत भी नहीं हैं। यही सहायक प्रयोगशाला तकनीशियन सरकारी अस्पतालों में आने वाले हजारों मरीजों की विभिन्न महत्वपूर्ण जांच कर रहे हैं, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सक मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
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ये है नियम

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार जिन संस्थानों में उपयुक्त लैब टेक्निशियन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं वहां अनुभव प्राप्त, न्यूनतम सेकण्डरी एवं लैब टेक्नोलॉजी डिप्लोमाधारी (1 वर्ष या 9 माह का प्रशिक्षण) को श्रम विभाग के आदेशानुसार प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से उच्च कुशल श्रेणी में रखते हुए सहायक लैब टेक्निशियन के रूप में लिया जा सकता है, जो कि वरिष्ठ लैब टेक्निशियन के सुपरविजन में कार्य सम्पादन करेंगे।
पंजीकृत भी नहीं

राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल अधिनियम 2008 की धारा 38 के अनुसार राजस्थान राज्य क्षेत्र में कोई भी पैरामेडिकल तब ही पैरामेडिकल के बतौर कार्य करने में सक्षम/अधिकृत होगा जब वह अपना पंजीयन राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में करा लेता है। बिना पंजीयन कार्य करना अवैधानिक है।
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…लेकिन यह हो रहा

हकीकत यह है कि डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित अस्पतालों समेत प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में ठेके पर लगाए गए सहायक प्रयोगशाला तकनीशियन शैक्षणिक दृष्टि से नियमों पर खरे नहीं उतरते। साथ ही अधिकतर ठेकाकर्मी राजस्थान पैरामेडिकल काउंसिल में पंजीकृत भी नहीं हैं।
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जोधपुर समेत प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में ठेके पर लगाए गए कर्मचारियों (सहायक प्रयोगशाला तकनीशियन) से बिना तकनीकी योग्यता के मरीजों की जांच करवाना खिलवाड़ है। जांच व्यवस्था के ऊपर सवालिया निशान है। नियम विरुद्ध लगाए गए ऐसे कर्मचारियों व ठेकेदार के खिलाफ सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। – सुरेश शर्मा, जिलाध्यक्ष, अखिल राजस्थान मेडिकल लैबोरेट्री कर्मचारी संघ, जोधपुर 
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