जैसलमेर. जिले में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार को कलेक्ट्रेट कांफ्रेंस हॉल में शांति समिति की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान जिला कलक्टर कैलाशचन्द मीना एवं पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने विभिन्न समुदायों से आपसी समन्वय एवं सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने सोशियल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने का आग्रह किया। जिला मुख्यालय पर आयोजित शांति समिति की बैठक के दौरान जिला कलक्टर कैलाशचन्द मीना, पुलिस अधीक्षक गौरव यादव, नगरपरिषद सभापति कविता खत्री, यूआईटी चौयरमैन डॉ. जितेन्द्रसिंह समेत विभिन्न जन प्रतिनिधियों, विभिन्न समुदायों एवं संगठनों के प्रतिनिधियों तथा गणमान्य नागरिकों ने भारत बंद के दौरान जैसलमेर जिले में उत्पन्न हुई स्थिति का जिक्र करते हुए आमजन सेे शांति एवं भाईचारा बनाए रखने की अपील की। इस दौरान जिला कलक्टर कैलाशचन्द मीना ने कहा कि भय का माहौल कम करने के लिए सब मिलकर प्रयास करें। उन्होंने किसी भी निर्दोश के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि जैसलमेर की शांतिपूर्ण समाज एवं सौहार्द की मिसाल को वापिस कायम करें।
सब मिलकर दूर करे भय का माहौल
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने सभी समाज के लोगों से भय का माहौल दूर करने के लिए आगे आने का आग्रह करते हुए कहा कि अफवाहों में नहीं आए। पुलिस की ओर से पूरी जांच के बाद ही संबंधित आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिलने के बाद ही कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सोशियल मीडिया पर किसी भी व्यक्ति ने किसी तरह की आपत्तिजनक संदेश डाले तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उपखंड एवं तहसील स्तर पर शांति समिति तथा पुलिस थानों में सीएलजी की बैठकें आयोजित की जा चुकी है। शांति समिति की बैठक के दौरान नगरपरिषद सभापति कविता खत्री ने जैसलमेर की आपसी भाईचारे की परम्परा कायम रखने की बात कही। नगर विकास न्यास के अध्यक्ष डॉ. जितेन्द्रसिंह ने कहा कि कि जैसलमेर का इतिहास व परम्परा मिल जुल कर रहने की है तथा इसे आगे भी कायम रखना चाहिए। भाजपा के जिलाध्यक्ष जुगलकिशोर व्यास ने आपसी भाईचारे की परम्परा को कायम रखने की बात कही। डॉ. रामजीराम ने किसी भी प्रकरण में निर्दोष लोगों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने की बात कही। जुगतसिंह सोढ़ा ने राजनैतिक जुलूसों को मुख्य बाजार के बजाय बाहरी रास्ते से निकालने का सुझाव दिया। कंवराजसिंह चौहान ने समाजकंटकों तत्वों के विरूद्व कार्यवाही का अनुरोध किया।