scriptJaisalmer- छोटे चुनाव में छिपे बड़े अर्थ -जैसलमेर पंचायत समिति ब्लॉक सं. एक का उपचुनाव 18 को | Jaisalmer Panchayat Samiti Block A by-elections to 18 | Patrika News

Jaisalmer- छोटे चुनाव में छिपे बड़े अर्थ -जैसलमेर पंचायत समिति ब्लॉक सं. एक का उपचुनाव 18 को

locationजैसलमेरPublished: Sep 12, 2017 11:07:54 pm

Submitted by:

jitendra changani

जैसलमेर पंचायत समिति के ब्लॉक उपचुनाव की प्रक्रिया जारी 

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पंचायत समिति जैसलमेर कार्यालय।

जैसलमेर . जिले की जैसलमेर पंचायत समिति के ब्लॉक संख्या 1 के लिए उपचुनाव की प्रक्रिया इन दिनों जारी है। मंगलवार को तीन उम्मीदवारों के नामांकन वैध पाए गए। जिनमें राज्य में सत्ताधारी भाजपा ने मंजू उर्फ मंजुला मोहता, पंचायत समिति में सत्तासीन कांग्रेस ने सुशीला देवी को उम्मीदवार बनाया है वहीं निर्दलीय के रूप में लक्ष्मीकंवर ने पर्चा दाखिल किया। इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए नामांकन दाखिल करने के समय लम्बे अर्से बाद जहां कांग्रेस की तरफ से पूर्व विधायक षाले मोहम्मद और प्रदेश कांग्रेस सचिव रूपाराम धणदे एक साथ नजर आकर एकजुटता दर्शाने की कोशिश की, वहीं भाजपा के लिए इस राजपूत बाहुल्य वाले क्षेत्र में जीत सुनिश्चित करना राजनीतिक कारणों से बेहद आवश्यक है क्योंकि यह उपचुनाव भाजपा की ब्लॉक सदस्य किरण कंवर के त्यागपत्र दिए जाने से करवाया जा रहा है।

दिग्गज कर रहे माथापच्ची
विधायक छोटूसिंह भाटी के लिए यह उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। इस ब्लॉक के अंतर्गत ‘खडाल’ क्षेत्र की सुल्ताना, नेहड़ाई, खींया ग्राम पंचायतें और नहरी इलाके में स्थित जवाहर नगर पंचायत आती हैं। ऐसे में विधायक का यह गृह क्ष् ोत्र है। भाजपा की झोली में यह सीट पुन: जाए, इसके लिए वह कोई कसर छोडऩे की स्थिति में नहीं है। यदि कहीं परिणाम विपरीत आ गया तो इसे विधायक की राजनीतिक हार से जोड़ा जाएगा। यही वजह है कि भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ विधायक ने खुद को पूरी तरह से चुनावी तैयारियों में झोंक दिया है। दूसरी ओर कांग्रेस में दो विपरीत धु्रव बने फकीर और धणदे परिवार भी इस चुनाव के बहाने कम से कम साथ नजर आने पर मजबूर हुए हैं।
सीट पर वोटों का गणित
पंचायत समिति जैसलमेर के इस ब्लॉक नंबर 1 में करीब 10 हजार मतदाता हैं, जिनमें से लगभग आधे राजपूत हैं।अनुसूचित जाति के 1 हजार वोट माने जाते हैं तो अल्पसंख्यकों के वोट करीब 300 तक ही हैं। दोनों पार्टियों का प्रयास रहेगा एक दूसरे के परंपरागत वोटों में सेंध लगाने का। 
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