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गायों को समर्पित है 60 वर्षीय कांति भाई का जीवन, 21 साल से गोवंश को रोज खिला रहे 2 क्विंटल चारा

locationजैसलमेरPublished: Jun 25, 2022 03:04:35 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

60 साल के एक बुजुर्ग 21 साल से रोजाना 2 क्विंटल चारा गोवंश को खिलाने के साथ ही 5 पानी की खेलियों में पानी के टैंकर भी डलवाकर गोवंश की सेवा कर रहे हैं।

Kanti Bhai daily feeding cows in Jaisalmer

60 साल के एक बुजुर्ग 21 साल से रोजाना 2 क्विंटल चारा गोवंश को खिलाने के साथ ही 5 पानी की खेलियों में पानी के टैंकर भी डलवाकर गोवंश की सेवा कर रहे हैं।

जैसलमेर। रामदेवरा क्षेत्र में एक तरफ जहां गोवंश के लिए सरकारी स्तर पर चारे पानी के कोई प्रबंध नहीं होने से पशुओं की हालत खराब हो रही है, वहीं क्षेत्र के 60 साल के एक बुजुर्ग 21 साल से रोजाना 2 क्विंटल चारा गोवंश को खिलाने के साथ ही 5 पानी की खेलियों में पानी के टैंकर भी डलवाकर गोवंश की सेवा कर रहे हैं।

रामदेवरा क्षेत्र में रहने वाले गुजरात के जूनागढ़ निवासी 60 साल के बुजुर्ग कांतिभाई सूर्य की पहली किरण के साथ रोजाना गोवंश को 2 क्विंटल चारा खिलाने के लिए नंगे पांव निकल पड़ते हैं। दोपहर होने से पहले वे क्षेत्र की अपनी चयन की जगहों पर गोवंश के लिए चारा डाल कर लौट आते हैं। यही इनकी नित्य की दिनचर्या है। नंगे पांव ही वे प्रतिदिन सफर करते हैं। मौसम चाहे कैसा भी हो, वे पैरो में कुछ भी नहीं पहनते। वे भगवा कपड़े पहनते हैं, इसलिए कोई इन्हे कांति बापू और कोई कांति भाई कहता है।

कांति भाई 21 साल से रामदेवरा में गोवंश की सेवा करते आ रहे हैं। इनका कार्य सराहनीय है। कांति भाई रोजाना गोवंश की सेवा के लिए सुबह से दोपहर तक जुटे रहते हैं। ग्रामीणों के अनुसार इनके कार्य की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है।

रामदेवरा क्षेत्र में पर्चा बावड़ी के पास, रेलवे स्टेशन के पास, जाट धर्मशाला के पास, रुणीचा कुआ रोड के किनारे, नाचना चौराहा की सड़क किनारे, हाइवे पर बिजलीघर के पास गोवंश सुबह कांतिभाई का बेसब्री से इंतजार करता है। कांति भाई ने बताया कि पंच पीपली के पास, उदावत नगर दूधिया, फलोदी रोड़, पोकरण रोड, गलर तालाब के पास आदि जगहों पर बनी पशु खेलियों में रोजाना गोवंश को पीने के लिए पानी टैंकर से पानी डलवाते हैं।

श्रद्धालु और व्यापारी देते हैं उसी से होती है सेवा
रामदेवरा में 25 साल से रहने वाले कांति भाई ने बताया कि यात्री और स्थानीय व्यापारी जो भी राशि देते हैं, उसी से चारे और पानी का प्रबंध करते हैं। रोजाना करीब 3 से 5 हजार का खर्च चारे और पानी पर होता है। उन्होंने बताया कि वे कभी भी चारे पानी के लिए चंदा लेने नहीं जाते। कभी महीने में कुछ नहीं मिलता तो उधार लेकर भी चारे और पानी की सेवा को बंद नहीं होने दिया।

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