अकाल में चारे की कमी, बाहरी जिलों में कर रहे परिवहन
- अन्य जिलों में चारा ले जाने से बढ़ रहे दाम, प्रशासन बना मूकदर्शक
जैसलमेर
Updated: April 11, 2022 07:27:24 pm
पोकरण/नाचना. जिलेभर में बारिश की कमी के कारण इस वर्ष अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकार की ओर से पोकरण, भणियाणा सहित जिले की कई तहसीलों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है। इन क्षेत्रों में चारे का संकट उत्पन्न हो रहा है। जबकि नहरी क्षेत्र में इन दिनों फसल कटाई के बाद निकलने वाले चारे को बाहरी जिलों में परिवहन किया जा रहा है। जिसके कारण चारे के दाम बढऩे लगे है। बावजूद इसके प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। गौरतलब है कि नहरी क्षेत्र से इन दिनों दर्जनों वाहनों से चारा बाहरी जिलों में ले जाया जा रहा है। जबकि प्रशासन की ओर से इनकी रोकथाम को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे क्षेत्र में चारे का संकट उत्पन्न होने की आशंका बनी हुई है। भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है। गत वर्ष बारिश की कमी के कारण जिलेभर में अकाल की स्थिति उत्पन्न हो रही है। पशुओं के लिए चारे की समस्या हो जाने के कारण पशुपालकों के लिए मवेशी के लिए चारे की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। नहरी क्षेत्र से इन दिनों हो रही फसलों की कटाई से निकलने वाले चारे को बाहरी जिलों की तरफ परिवहन किया जा रहा है। जिससे चारे के दाम बढऩे लगे है और पशुपालकों के लिए मवेशी को पालना मुश्किल हो गया है।
कागजों तक सीमित होते है आदेश
अकाल की स्थिति तथा भीषण गर्मी का मौसम शुरू होते ही चारे की कमी को देखते हुए जिला कलक्टर की ओर से एक आदेश जारी कर चारे के बाहरी जिलों में परिवहन करने पर रोक लगाई जाती है, लेकिन ये आदेश मात्र कागजों तक ही सीमित रहते है। बीते वर्षों पर नजर डालें तो आज तक ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसमें बाहरी जिलों में परिवहन किए जा रहे चारे को पकड़ा गया हो। ऐसे में धड़ल्ले से नहरी क्षेत्र से चारे का बाहरी जिलों में महंगे दामों में परिवहन किया जा रहा है।
चारे का उत्पन्न हो रहा संकट
क्षेत्र में उत्पादित हो रहे चारे को बाहरी जिलों में परिवहन किए जाने के कारण यहां चारे का संकट उत्पन्न हो रहा है। ऐसे में पशुपालकों को महंगे दामों में चारा खरीद करना पड़ रहा है। जिससे उन्हें खासी परेशानी हो रही है। यही नहीं अकाल घोषित होने के बावजूद अभी तक क्षेत्र में पशु शिविर व चारा डिपो भी शुरू नहीं किए गए है। जिसके कारण बेसहारा पशु जंगलों में भटककर दम तोड़ रहे है। दूसरी तरफ पशुपालक चारे के लिए दर-दर भटकते नजर आ रहे है।
खुलेआम परिवहन, नहीं है कोई रोकटोक
नहरी क्षेत्र से इन दिनों चारे से ओवरलोड भरे वाहन धड़ल्ले से संचालित हो रहे है। खुलेआम निकलने वाले इन वाहनों पर कोई रोकटोक नहीं है। नाचना नहरी क्षेत्र की बात करे तो भारेवाला से बज्जू, नाचना से पोकरण, अवाय-भड़ला-बाप मार्ग पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में ऐसे वाहन नजर आते है। बोलेरा या पिकअप वाहनों में क्षमता से अधिक चारा भरकर बाहरी जिलों में ले जाया जा रहा है। यही नहीं इन ओवरलोड वाहनों से सिंगल सड़क पर हादसे की भी आशंका बनी हुई है। जिन्हें रोकने की जहमत न तो प्रशासन कर रहा है, न ही पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई की जा रही है।

अकाल में चारे की कमी, बाहरी जिलों में कर रहे परिवहन
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