एयरफोर्स चौराहा के पास करीब 35 गुणा 40 वर्गफीट जमीन पर सत्तार खां नामक व्यक्ति का कब्जा था। उसे जब नगरपरिषद ने बेदखल करना चाहा तो उसने कब्जे के संबंध में पत्रावली पेश की और न्यायालय की शरण में भी गया।
-उसके मामले की सुनवाई नियमानुसार करते हुए नगरपरिषद ने उसके कागजातों को गलत पाया तथा नियमन के लायक नहीं माना। इसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।
-जानकारी के अनुसार अतिक्रमी ने जमीन को अलग-अलग व्यक्तियों को किराये पर चढ़ा दिया था, जहां भोजनालय व दुकानों में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही थी।
..और बन गई पक्की सडक़
-नगरपरिषद प्रशासन ने जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाने के साथ ही कार्रवाई के संपन्न होने पर पक्की सडक़ का निर्माण करवा दिया।
-सुबह तोडफ़ोड़ की कार्रवाई के दौरान ही सडक़ निर्माण के लिए कंकरीट व डामर आदि सामग्री तैयार रखी गई थी।
-पूर्व में हनुमान चौराहा को अतिक्रमण मुक्त करवाने के तुरंत बाद ही सडक़ का निर्माण करवाए जाने के चलते ही वह जगह और अतिक्रमणों व अवैध कब्जों की भेंट नहीं चढ़ पाई।