बैंक प्रबंधन की मनमानी ग्राहकों पर भारी- मोहनगढ़ में 34 दिन बाद भी बैंक पर ताले
Patrika news
मोहनगढ़(जैसलमेर). मोहनगढ़ कस्बे में एसबीआई शाखा शुक्रवार को लगातार 34वें दिन भी बंद रही। गत 30 दिसम्बर को किसान नेता अचलाराम जाट और शाखा प्रबंधक स्पीनोजा कुमार व अन्य कर्मचारियों के बीच विवाद के चलते बैंक शाखा पर ताले लगा दिए गए, जो अब तक नहीं खुल रहे। बैंक प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण कस्बे समेत दूरदराज के इलाकों से पहुंच रहे उपभोक्ताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब हे कि बैंक व किसान नेता के बीच हुए विवाद में दोनों पक्षों की ओर से मोहनगढ़ पुलिस थाने में मामले दर्ज करवाए गए थे। जिसमें पुलिस ने अचला राम को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। पांच दिन बाद उसे जमानत भी मिल गई थी। वहीं अचलाराम की ओर से दर्ज मामले में बैंक प्रबंधक व कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस विवाद का खामियाजा किसानों, व्यापारियों, सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स, श्रमिकों सहित अन्य उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। मोहनगढ़ क्षेत्र में आई 128वीं पैदल वाहिनी (प्रा.से.) पर्यावरण राज रिफ में कार्यरत सेना के अधिकारियों व जवानों के बचत खाते भी इसी बैंक में है। वे पिछले 34 दिनों से परेशान हो रहे है। अपने खातों में लेन देन नहीं कर पा रहे हैं। उपभोक्ता हो रहे हैरान मोहनगढ़ की एसबीआई बैंक के ताले नहीं खुलने से आम उपभोक्ता परेशान हो रहा है। वहीं बैंक प्रबंधन द्वारा मोहनगढ़ से लगभग 70 किमी दूर स्थित नाचना की एसबीआई बैंक को अधिकृत किया गया। मोहनगढ़ का काउण्टर नाचना में ही चल रहा है। उसके बावजूद चेक के माध्यम से नेहड़ाई व हमीरा की बैंक में भी ग्राहक लेन देन कर सकते हैं। उपभोक्ताओं को अन्य बैंकों में लेन देन करने की सलाह देने वाला बैंक प्रबंधन मोहनगढ़ शाखा के ताले खोलने को तैयार नहीं है। जिसकी वजह से खातेधारी हैरान हैं। जिनकी मासिक पेंशन 500 से 1000 रुपए तक है और उनका परिवार इसी पैंशन से चल रहा है। बैंक के नहीं खुलने से राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। विद्यालयों में पोषाहार पकाने वाली कई महिलाओं को विद्यालय प्रबंधन समिति की ओर से 1200 रुपए के चैक दिए जा रहे हैं। ये चैक एसबीआई बैंक के हैं। बैंक के बंद होने के कारण उन्हें भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। बैंक के अन्यत्र स्थानांतरित होने की चर्चाएं मोहनगढ़ कस्बे में बैंक के अन्यत्र स्थानांतरित करने की चर्चाएं भी जोरों पर है। मोहनगढ़ के व्यापारियों, किसानों व अन्य उपभोक्ताओं का कहना है कि कस्बे में स्थित पूर्व में एसबीबीजे व वर्तमान में एसबीआई के खिलाफ किसानों द्वारा केसीसी में अधिक ब्याज लगाने को लेकर पिछले डेढ़ साल से धरना प्रदर्शन किया जा रहा था। वहीं बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से कई फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड भी बनाए जा चुके हैं। इसे लेकर बैंक के एक अधिकारी देवी सिंह चौहान को पिछले महीने पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था। जो अभी भी न्यायिक अभिरक्षा है।