महाशिवरात्रि पर देवचन्द्रेश्वर महादेव मंदिर में भरता है मेलाजैसलमेर. रेगिस्तानी क्षेत्र में बसे
जैसलमेर को त्यौहारों का शहर कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहां हिन्दू धर्म के हर पर्व को उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसी कडी में महाशिवरात्रि का पर्व पर भी जहां प्रदेशभर के
शिव मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना होती है, लेकिन स्वर्णनगरी के देवचन्द्रेश्वर मंदिर मे?
शिवरात्रि ?? का विशेष महत्व होता है। इस दिन यहां शिव मंदिर में मेला भरता है और हजारों श्रद्धालु भोले शंकर की पूजा अर्चना कर मेले में जमकर खरीदारी करते है। मान्यता है कि देवचन्द्रेश्वर शिव मंदिर में साल में पांच बडे मेले होते है। इनमें महाशिवरात्रि मेले का विशेष महत्व है। यही कारण है कि शिव भक्तों की यहां दिन के साथ रात में भी रेलमपेल रहती है।
ग्रामीण अंचलों से हुजूम जैसलमेर के देवचन्द्रेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि पर भोले शंकर के दर्शन करने के लिए शिवभक्तों की रेलमपेल रहती है। यहां विशेष रूप से मेला आयोजित होने के कारण ग्रामीण महिलाओं का हुजूम उमडता है। हर कोई शिवभक्ति में श्रद्धा के गोते लगाते हुए यहां की शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र, धतुरा, आंक के फूल व कच्चा दूध अर्पित कर शिव से
मंगल प्रार्थना करते है।
रात को होती विशेष पूजा जानकारों की माने तो शिव मंदिर में शिवरात्रि को पूरी रात भजनों व वैद मंत्रों की गूंज सुनाई देती है। यहां संतों का आगमन भी होता है। यहां विभिन्न मठों के संत पहुंचकर शिव आराधना कर श्रद्धालुओं को आशीष देते है।
महारावल ने शुरू की परम्परा जानकारों की माने तो जैसलमेर स्थापना के बाद यहां के तत्कालीक महारावल ने महाशिवरात्रि व श्रावण के सोमवार को शिव रोड के देवचन्देश्वर महादेव मंदिर में मेले की परम्परा शुरू की ई हो वर्तमान में अविरल रूप स ेचल रही है। जैसलमेर दरबार के आदेश पर षुरू हुए इस मेले में जिलेभर से श्रद्धालु भाग लेते है।