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बाजार तो खुले, ग्राहकी को ग्रहण: 30 प्रतिशत तक स्वर्णनगरी में कम हो गया टर्नओवर

locationजैसलमेरPublished: Jun 10, 2021 06:25:16 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-60 फीसदी से अधिक व्यापार खो चुका पर्यटन उद्योग

जैसलमेर. करीब डेढ़ माह के लॉकडाउन के बाद सुबह से शाम तक बाजार पूरी तरह से खुलने की मंजूरी के बावजूद व्यापारी समुदाय निराशा के भंवर में हैं। लगातार दूसरे साल कोरोना महामारी के चलते जैसलमेर मुख्यालय सहित जिलेभर में दुकानदारों व अन्य व्यवसायियों को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापार में टर्न ओवर 20 से 30 प्रतिशत तक गिर गया है। यह तो पर्यटन के अलावा अन्य व्यवसायों का हाल है। पर्यटन क्षेत्र तो 50 से 60 प्रतिशत तक व्यवसाय खो चुका है। छोटे से बड़े व्यवसायियों के लगभग एक जैसे हालात हैं। कई व्यापारी व दुकानदार तो बैंक कर्ज की किश्तें तक चुका नहीं पा रहे हैं और बिजली के बिल, कर्मचारियों की तनख्वाहें, दुकानों व भवनों का किराया आदि उन पर भारी साबित हो रहा है।
घट गई क्रयशक्ति
कोरोना की वजह से सरकारी व निजी क्षेत्र में कामकाज बहुत बाधित हुआ है। जैसलमेर मुख्यालय पर ज्यादातर व्यवसायी पर्यटन तथा सरकारी कामकाज पर निर्भर रहते हैं। कोरोना काल में मेडिकलए किराणा और अन्य अत्यावश्यक वस्तुओं के अलावा अन्य चीजों की बिक्री में बेतहाशा गिरावट दर्ज की गई है। लोगों की क्रयशक्ति इतनी क्षीण हो गई है कि वे कपड़े, जूते, मोबाइल से लेकर इलेक्ट्रोनिक्स व इलेक्ट्रिकल्स सामान तक की खरीदारी में बहुत मितव्ययी बनने पर विवश हो गए हैं। ऐसे ही सीमेंट, सरिया आदि से लेकर भवन निर्माण में काम आने वाली अन्य वस्तुओं की बिक्री में भी 30 प्रतिशत तक गिरावट आ चुकी है। गांवों में सरकारी विकास व निर्माण कार्य भी थम से गए हैं। इससे भी जैसलमेर के बाजार पर बहुत प्रतिकूल असर पड़ा है। व्यवसायी आगामी दिनों में हालात के सामान्य बने रहने की हालत में दिन फिरने की उम्मीदें लगाए हुए हैं।
इनकी दशा सबसे बुरी
जैसलमेर के बाजार में कोरोना संकट का सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पर्यटन व निजी शिक्षण संस्थानों से जुड़े व्यवसायियों, कामगारों, संचालकों व कामगारों तथा शिक्षकों पर पड़ा है। होटल, रिसोट्र्स, रेस्टोरेंट्स, ट्रेवल एजेंट्स, गाइड्स, वाहन चालकों आदि के सामने भविष्य को लेकर गहरे प्रश्नचिन्ह अंकित हो गए हैं। बाजार खुलने का इन वर्गों पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा है। जब तक पर्यटन शुरू नहीं होता और हालात पूरी तरह से सामान्य नहीं हो जातेए उन्हें राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इन तबकों को सरकार की तरफ से भी कोई सहायता मिलने की सूरत नजर नहीं आ रही।
मंदी से जूझ रहा निजी क्षेत्र
महामारी के कारण कुछ अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष निजी क्षेत्र मंदी के दौर से गुजर रहा है। टर्नओवर में कमी आ गई है। बड़ी संख्या में व्यापारियों के बैंक खाते एनपीए हो रहे हैं।
-प्रवीण व्यास, चार्टर्ड एकांटेंट, जैसलमेर
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