जैसलमेरPublished: Dec 25, 2022 08:10:07 pm
Deepak Vyas
- शहीद गुमानसिंह का जोगा में अंतिम संस्कार
- जैसलमेर से जोगा तक हजारों लोगों ने भारतमाता के जयकारों के साथ दी अंतिम विदाई
जैसलमेर. जिले के जोगा गांव में रविवार को शहीद सूबेदार गुमानसिंह सोलंकी के अंतिम संस्कार के समय उस वक्त हर किसी की आंखें नम हो गई, जब शहीद के बड़े पुत्र प्रहलाद सिंह ने कहा, वह सेना में अफसर बनकर अपने पिता का सपना पूरा करेगा। उसने बताया कि उसके पिता चाहते थे कि वह सेना में उससे बड़ा अधिकारी बने। प्रहलाद सिंह ने इससे पहले अपने पिता का चेहरा देखने के बाद उन्हें सैल्यूट किया और दो बार भारत माता की जय का नारा लगाया। उस समय 11वीं कक्षा में पढऩे वाले प्रहलाद सिंह के जज्बे को देखकर हजारों जोड़ी आंखें नम हो गई। सभी ने वीर शहीद के पुत्र के धीरज और देश के लिए प्रकट की गई भावना की सराहना की। भारत माता की जय और शहीद गुमानसिंह अमर रहे के नारों के बीच प्रहलाद सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी। जोगा गांव में जिलेभर से शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे लोगों ने भारत माता की जय और शहीद गुमान सिंह अमर रहे के नारों से पूरे वातावरण को गुंजायमान कर दिया। गौरतलब है कि गत शुक्रवार को सिक्किम के जेमा में सेना का ट्रक एक तीखे मोड़ पर अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया था। इस हादसे में 16 जवानों की मृत्यु हुई। जिनमें राजस्थान के तीन जवान, जिनमें जैसलमेर के जोगा निवासी सूबेदार गुमानसिंह सोलंकी (44) भी शामिल थे, शहीद हो गए। उनकी शहादत की खबर यहां पहुंचने के बाद से ही शहीद के पैतृक गांव व जिलेभर में शोक छाया हुआ था। शनिवार देर रात गुमान सिंह की पार्थिव देह जैसलमेर मुख्यालय पहुंची। उसे एयरफोर्स स्टेशन के भीतर अवस्थित अस्पताल में रखा गया। जहां से रविवार को जोगा गांव तक उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई।
जैसलमेर से जोगा तक श्रद्धांजलि
रविवार सुबह जैसलमेर के एयरफोर्स स्टेशन से गुमानसिंह की अंतिम यात्रा सेना के फूलमालाओं से सुसज्जित ट्रक में निकाली गई। शहर के मुख्य मार्गों पर दोनों ओर खड़े लोगों ने शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की और देशभक्ति से पूर्ण नारे लगाए। जैसलमेर से लाणेला, भादासर, मोकला व सोनू होते हुए शहीद की अंतिम यात्रा जोगा गांव पहुंची। रास्ते भर के ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। अंत्येष्टि से पहले शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद, जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदे, जिला प्रमुख प्रतापसिंह सोलंकी, जैसलमेर नगरपरिषद के सभापति हरिवल्लभ कल्ला, राज्य महिला आयोग की सदस्य अंजना मेघवाल, जिला पुलिस अधीक्षक भंवरसिंह नाथावत, पूर्व विधायक सांगङ्क्षसह भाटी और छोटूसिंह भाटी सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा अन्य मौजीज लोग शामिल थे।
सर्द सुबह में भर गया जोश
जैसलमेर में रविवार को सर्द सुबह शहर के जिस मार्ग से अंतिम यात्रा गुजरी, सडक़ के दोनों ओर पुष्प व मालाएं थामे लोगों में जोश भर गया। उन्होंने देशभक्तिपूर्ण नारे लगाकर शहीद के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की। यहां से हनुमान चौराहा होते हुए ट्रक व अन्य वाहनों का काफिला जिसमें देशभक्ति के गीत बजाता डीजे वाहन और अन्य चार पहिया व दुपहिया सवार शामिल थे, रामगढ़ मार्ग की ओर बढ़ चले। रास्ते में आने वाले लाणेला, भादासर, मोकला व सोनू के ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा की। जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर जोगा पहुंचा, उनके परिवारजन फफक उठे। अन्य ग्रामीण भी अपनी रुलाई नहीं रोक सके। गांव भर के लोगों के अलावा आसपास के इलाकों से हजारों की तादाद में ग्रामीण व शहरी जन शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे हुए थे।