script2 साल से ढकी पड़ी है शहीद की प्रतिमा, लोकार्पण का लंबा हो रहा इंतजार | Martyr's statue has been covered for 2 years, long wait for inaugurati | Patrika News

2 साल से ढकी पड़ी है शहीद की प्रतिमा, लोकार्पण का लंबा हो रहा इंतजार

locationजैसलमेरPublished: Nov 28, 2022 08:15:03 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– शहीद परिवार को सीएम नहीं दे रहे समय

2 साल से ढकी पड़ी है शहीद की प्रतिमा, लोकार्पण का लंबा हो रहा इंतजार

2 साल से ढकी पड़ी है शहीद की प्रतिमा, लोकार्पण का लंबा हो रहा इंतजार

पोकरण. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा में तैनात सेना के जवान जब शहीद होते है तो सरकार के साथ राजनीतिक पार्टियों के नेता शहादत को नमन कर परिवार को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाते है, लेकिन जैसे ही कुछ समय बीतता है तो परिवार व शहीद को भूल जाते है। हालांकि शहादत के दिन पुष्पचक्र जरूर चढ़ाते है, लेकिन परिवारजनों की समस्याओं का निस्तारण को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसा ही मामला है राजमथाई क्षेत्र के लोंगासर गांव निवासी शहीद नरपतसिंह राठौड़ का। जिनके स्मारक के लोकार्पण को मुख्यमंत्री का इंतजार बना हुआ है। गौरतलब है कि राजमथाई क्षेत्र के लोंगासर निवासी नरपतसिंह राठौड़ भारतीय थल सेना की 15 कुमाउं रेजीमेंट में नायक के पद पर कार्यरत थे। 18 नवंबर 2016 को नायक नरपतसिंह राठौड़ असम के तनसुकिया जिलांतर्गत दिग्बोई के पास पेनगिरी क्षेत्र में आतंकवादी हमले में शहीद हो गए थे। जिसके बाद परिवारजनों व ग्रामीणों की ओर से राजमथाई गांव में शहीद के स्मारक का निर्माण करवाया गया। करीब 5 लाख रुपए की लागत से तैयार स्मारक पर शहीद की प्रतिमा भी लगाई गई। करीब 2 वर्ष पूर्व स्मारक व प्रतिमा तैयार हो चुकी है, लेकिन अभी तक लोकार्पण नहीं हो सका है। परिवारजनों ने बताया कि 2 वर्षों से लगातार मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर समय मांगा गया। इस संबंध में पोकरण विधायक व अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद को भी अवगत करवाकर मुख्यमंत्री से समय लेने की मांग की गई। बावजूद इसके अभी तक मुख्यमंत्री की ओर से शहीद स्मारक के लोकार्पण के लिए समय नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण परिवार सहित ग्रामीण शहीद स्मारक के लोकार्पण का इंतजार कर रहे है।
नहीं हो पाया नामकरण
शहीद के परिवारजनों ने बताया कि बीते कई वर्षों से राजमथाई के स्कूल, विद्यालय अथवा अस्पताल का नामकरण शहीद के नाम से करने की मांग की जा रही है। इस संबंध में कई बार प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व सरकार को अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे परिवारजन निराश है।

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