मौलाना अहमद ने कहा कि हिन्दुस्तान दुनिया का सबसे वह अजीम मुल्क है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ मिलकर मोहब्बत के साथ रहते हैं। मुसलमान यहां सबसे ज्यादा महफूज है। उन्होंने कहा कि धर्म निरपेक्षता इस मुल्क की खूबसूरती है। कुछ ताकतें धर्म, जाति व मजहब के नाम पर लोगों को बांटने में लगी हुई है, लेकिन उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। झगड़े व फसाद से किसी कौम या मुल्क का भला नहीं हुआ है। मौलाना ने नफरत के तीर चलाने वालों के सामने झुककर बचाव की बात कही। उन्होंने कहा कि अकडकऱ खड़े रहने वाले को तीर लगेगा, लेकिन कोई झुक जाएगा, तो तीर चलाने वाला रहम दिल होकर गले लगा लेगा। उन्होंने मुसलमानों से इस्लाम के उसूलोंं, कुरआन में बताए मार्गों पर चलकर प्रतिदिन पांच वक्त नमाज अदा करने, रोजा रखने, जकात व खैरात निकालने, हज करने का आह्वान किया। मदरसा इस्लामिया के मुफ्ती अब्दुल सलाम इंदौरी ने मुल्क के गौरवशाली इतिहास, यहां की गंगा, जमुना तहजीब पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मोहम्मद फारुख चांदनी, मोहम्मद हुजेखां केरावा, मोहम्मद कफील थाट, असअद माणकलाव व मुफ्ती फजलूदीन ने तकरीर पेश की। कारी मोहम्मद अमीन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।