scriptसाढ़े तीन साल बाद फिरेंगे मिड-वे के दिन, लौटेगी रौनक | Mid-way day will return after three and a half years, Raunak will retu | Patrika News

साढ़े तीन साल बाद फिरेंगे मिड-वे के दिन, लौटेगी रौनक

locationजैसलमेरPublished: Mar 01, 2021 01:48:51 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– 10 करोड़ की लागत से होगा जीर्णोद्धार- जैसलमेर-जोधपुर के बीच एकमात्र सरकारी मिड-वे, गत सरकार में किया था बंद

साढ़े तीन साल बाद फिरेंगे मिड-वे के दिन, लौटेगी रौनक

साढ़े तीन साल बाद फिरेंगे मिड-वे के दिन, लौटेगी रौनक

पोकरण. जैसलमेर-जोधपुर के बीच परमाणु नगरी पोकरण में स्थित राजस्थान पर्यटन विकास निगम के गोडावण मिड-वे के अब पुन: दिन फिरने वाले है। साढ़े तीन वर्षों से ताले की कैद में जकड़े मिड-वे का जीर्णोद्धार करवाया जाएगा तथा इसे पुन: शुरू किया जाएगा। जिसको लेकर सरकार की ओर से इस वर्ष बजट में घोषणा की गई है। गौरतलब है कि जोधपुर-जैसलमेर रोड तथा बीकानेर-जैसलमेर व पोकरण-रामदेवरा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 के तिराहे पर उरमूल परिसर के सामने सरकारी जमीन आवंटित कर तत्कालीन पर्यटन मंत्रालय के केन्द्रीय उपमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासों से करीब 30-40 बीघा भूमि पर यहां पोकरण के लाल पत्थर से कलात्मक मिड-वे का निर्माण करवाया गया था। राजस्थान पर्यटन विकास निगम की ओर से मिड-वे का निर्माण करवाकर इसका नामकरण भी लुप्त हो रहे राज्यपक्षी गोडावण के नाम से किया गया था तथा इसे आरटीडीसी गोडावण मिड-वे के रूप में जाना जाता है। जिसका लोकार्पण केन्द्रीय पर्यटन उपमंत्री गहलोत की ओर से 21 जुलाई 1983 को किया गया था। गत भाजपा सरकार के समय 10 दिसंबर 2017 को इस मिड-वे का संचालन बंद कर दिया गया था। तब से यह मिड-वे बंद ही पड़ा है।
पर्यटकों को करता है आकर्षित
यह मिड-वे 1983 के बाद 35 वर्षों से निरंतर चल रहा था तथा यहां आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों, केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्रियो, सरकारी अधिकारियों को अच्छी सेवाएं दे रहा था। कस्बे में यह एक कलात्मक सुंदर इमारत है, जिसे देखकर आज भी देशी विदेशी पर्यटक आकर्षित हो रहे है। गत भाजपा सरकार की ओर से पर्यटन निगम की कई होटलों व मिड-वे को बंद करने, उनकी निलामी करने अथवा उन्हें निजी हाथों में लीज पर देने का निर्णय लिया गया था। जिसके अंतर्गत पोकरण के आरटीडीसी गोडावण मिड-वे को भी सम्मिलित कर दिया गया तथा 10 दिसंबर 2017 को यहां ताले लगा दिए गए है।
भवन व यहां लगी वाटिकाओं का हो रहा है बदहाल
गत साढ़े तीन वर्षों से मिड-वे बंद होने के कारण यहां लाखों रुपए की राशि से निर्मित कलात्मक भवन, डाइनिंग हॉल, किचन, मिड-वे के अंदर निर्मित तीन कमरे, परिसर में निर्मित तीन कलात्मक हट, तीन वाटिकाएं देखरेख के अभाव में खराब हो रही है। भवन क्षतिग्रस्त होकर जर्जर होने के कगार पर पहुंच गए है तथा यहां लगे दर्जनों पेड़ जल चुके है।
10 करोड़ से होगा जीर्णोद्धार
पोकरण विधायक व अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण विभाग मंत्री शाले मेाहम्मद इस मिड-वे को चालू करवाने के लिए गत दो वर्षों से प्रयास कर रहे थे। गत 24 फरवरी को राज्य सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बजट पेश किया गया, जिसमें पोकरण मिड-वे का 10 करोड़ रुपए की लागत से जीर्णोद्धार कर सुचारु संचालन की घोषणा की गई है। इस घोषणा के बाद मिड-वे के दिन फिरने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। साढ़े तीन वर्षों बाद मिड-वे पुन: संचालित होगा तथा आमजन को राहत मिलेगी।
पर्यटन को बढावा देने के लिए जरूरी है सरकारी मिड-वे
पोकरण के पर्यटन विकास में सरकार की भागीदारी होना जरूरी है। यहां आरटीडीसी की ओर से संचालित होटलों में सस्ते दर पर खाना, चाय पानी व आवास की व्यवस्था की जाती है। जिससे पर्यटकों को लाभ होता है तथा वे उस तरफ आकर्षित होते है। पर्यटकों के लिए सरकारी सुविधाएं नहीं होने की स्थिति में निजी होटलों की मनमानी बढ़ जाती है। जिससे पर्यटक यहां रुकने की बजाय जैसलमेर, जोधपुर या बीकानेर जाकर सरकारी अथवा बड़ी निजी होटलों में रुकते है। परमाणु नगरी को पर्यटन नगरी बनाने के लिए सरकारी मिड-वे की महत्ती आवश्यकता है।

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