scriptनाबालिग नि:शक्त बालिका का ससुराल जाने से इनकार,पहले पढाई फिर होगी विदाई | Minor disabled girl refuses to visit her in-laws | Patrika News

नाबालिग नि:शक्त बालिका का ससुराल जाने से इनकार,पहले पढाई फिर होगी विदाई

locationजैसलमेरPublished: Dec 15, 2019 07:58:47 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

बचपन में गाय द्वारा कमर पर टक्कर मारने से एक हाथ और एक पैर से दिब्यांगता के साथ बाल विवाह का दर्द झेल रही 16 वर्ष की कमली (परिवर्तित नाम) को शिक्षा की लगन लगी कि पढाई में अव्वल आने लगी। इस बीच पन्द्रह साल की उम्र में उसके इनकार के बावजूद पिता चेतनाराम ने बाल विवाह कर दिया। गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय सांगड़ में दसवीं में अध्ययनरत नाबालिग दुल्हन ने ससुराल पक्ष जब गौना कराने की जिदद करने लगा तो साफ मना कर दिया।

Minor disabled girl refuses to visit her in-laws

नाबालिग नि:शक्त बालिका का ससुराल जाने से इनकार,पहले पढाई फिर होगी विदाई

जैसलमेर. बचपन में गाय द्वारा कमर पर टक्कर मारने से एक हाथ और एक पैर से दिब्यांगता के साथ बाल विवाह का दर्द झेल रही 16 वर्ष की कमली (परिवर्तित नाम) को शिक्षा की लगन लगी कि पढाई में अव्वल आने लगी। इस बीच पन्द्रह साल की उम्र में उसके इनकार के बावजूद पिता चेतनाराम ने बाल विवाह कर दिया। गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय सांगड़ में दसवीं में अध्ययनरत नाबालिग दुल्हन ने ससुराल पक्ष जब गौना कराने की जिदद करने लगा तो साफ मना कर दिया। पढ़ लिख कर कुछ बनने के बाद ही ससुराल जाएगी। लाडो ने अपनी हौसलों की गाथा बाल हितैषी अभियान के दौरान कारवां के समन्वयक रोहित पारीक को सुनाई। दास्तान सुनाते हुए कहती है, उसका बाल विवाह बिन जोधा चेलक के पास जैसलमेर के देवराज के साथ मई 2018 में हुआ। पति उसके ससुर भगवानाराम के साथ खेती-बाडी का काम करते है, वहां कोई शिक्षित नही है लेकिन वह शिक्षा प्राप्त कर आइपीएस अधिकारी बनने का सपने संजोये है। ससुराल बीए करने के पूर्व किसी भी हाल में नही जाएगी। पिता चेतनाराम भील उसकी पढ़ाई के लिए तो पहले मना किया, लेकिन उसकी जिदद के चलते मदद करते है। बाल विवाह व बाल श्रम उन्मूलन की जागरुकता के दौरान यह मामला सामने आया।
बाल हितैषी अभियान कारवां दल से दर्द साझा किया
जैसलमेर. बाल हितैषी पंचायत अभियान दल सांगड़ ग्राम पंचायत के राजीव गांधी केन्द्र पहुंचा। उन्होंने गांव की भौगोलिक स्थिति के बारे में कनिष्ठ लिपिक धन्नी देवी से जानकारी ली और राजस्व गांव बेलाड़ी में घर-घर दस्तक देकर बाल हितैषी पंचायत की घटकों की जानकारी दी। ग्राम भ्रमण के दौरान विधवा महिलाओं एवं अनाथ व नि:शक्त बच्चों के लिए पालनहार एवं नि:शक्त पेंशन जैसी योजनाओं की जानकारी देखने को मिली। जब कारवां दल ने इन योजनाओं के बारे में जानकारी दी तो दर्जनों पात्र ब्यक्ति सामने आए, वहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पन्नीदेवी ने बताया कि गत दो-तीन वर्षो से पोषाहार उपलब्ध नहीं होने के कारण बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो पा रही है। अन्य आंगनवाडिय़ों की अपेक्षा यहां स्थिति सामान्य दिखी। नि:शक्त देवपाल, रूपाराम को विगलांग पेषन योजना की जानकारी के अभाव में लाभ नही ले पा रहे है। महिला समूह की बैठक में महिलाओं ने बालिकाओं के लिए राज्य सरकार की राजश्री योजना की किश्त नहीं प्राप्त होने की बात रखी। चिकित्सा विभाग के चिकित्सक सीमाराम मौर्य ने प्रकरण को जैसलमेर भेजने की बात कही। अभियान दल को बेलाडी गांव में ऐसी ही परिस्थितियां नजर आई। जहां बारह घटकों की जानकारी देतेे हुए मुददों में शामिल किया गया। अभियान दल में अरविन्द शुक्ला, अब्दुल रज्जाक, विष्णु शर्मा उपस्थित थे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो