जानकारों के अनुसार सांकड़ा मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर 50 किमी की परीधी के ग्रामीण उपचार के लिए पहुंचते है। यहां सांकड़ा से भैंसड़ा, भणियाणा, पोकरण, देवीकोट क्षेत्र की 15 ग्राम पंचायतों के 70 से अधिक गांवों के लोगों को उपचार के लिए आते है, लेकिन फिर भी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव इन्हें अन्य अस्पताल की ओर जाने को मजबूर कर रहा है। जानकारी के अनुसार यहां प्रतिदिन 200 से 300 का आउटडोर रहता है, लेकिन चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ के अभाव के कारण अधिकांश रोगियों को उच्च चिकित्सा के लिए अन्यंत्र जाना पड़ता है। हालात यह है कि चिकित्सा विभाग ने महिलाओं की सुविधा के लिए अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ को नियुक्त किया हुआ है, लेकिन कार्यभार ग्रहण करने के बाद से अवकाश पर है।
बैड साथ लाने की मजबूरी
विभाग की ओर से चिकित्सालय में 30 बैड स्वीकृत है, लेकिन महज 11 बैड ही लगे हुए है। मौसमी बीमारियों व बड़ी दुर्घटना के दौरान मरीजों की संख्यां बढ़ जाने पर मरीजो को स्वयं के स्तर प र बैड की व्यवस्था करना मजबूरी बन गई है।
..ओर यह कर रहे प्रयास
चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की कमी के बावजूद उपलब्ध चिकित्साकर्मियों के सहयोग से बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने के प्रयास किए जा रहे है। रोगियों को उपचार में कमी ना आए इसके लिए स्टॉफ अपनी सेवाएं दे रहे है।
डॉ. मुकेशकुमार, चिकित्साधिकारी राजकीय अस्पताल, सांकड़ा।