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JAISALMER NEWS- रेगिस्तान में बिल से बाहर निकले नागराज उगल रहे जहर मचा आतंक

locationजैसलमेरPublished: May 20, 2018 12:29:37 pm

Submitted by:

jitendra changani

गर्मी के मौसम में बिलों के बाहर विचरण कर रहे सर्प

Jaisalmer patrika

Patrika news

सूने, ग्रामीण व नहरी क्षेत्र में आ रहे सर्प दंश के सर्वाधिक मामले

जैसलमेर. करीब एक वर्ष बाद फिर से धोरों की धरती पर एक बार फिर सर्पों ने जहर उगलना शुरू कर दिया है। सरहदी जिले में इन दिनों विषैले व विषहीन दोनों तरह के सर्पों के काटने के मरीज सामने आ रहे हैं। जहां एक ओर तापमान 45 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है, वहीं यह मौसम सर्पों को स्वच्छंद विचरण के लिए रास आ रहा है। शहर ही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में अमूमन हर दिन सर्प दंश के मामले सामने आ रहे हैं। स्नेक बाइट के सर्वाधिक मामले ग्रामीण, विशेषकर नहरी क्षेत्र में सामने आ रहे हैं। जानकारों की मानें तो फिलहाल गर्मी का दौर चल रहा है और आगामी दिनों में सर्प दंश की घटनाओं में और अधिक इजाफा होने की संभावना है। यहां राजकीय अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्रों में जहां जनवरी व फरवरी महीने में जहां कुछ ही सर्पदंश के पीडि़त भर्ती होते थे, वहीं अप्रेल व मई में इन मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। चिकित्सक बताते हैं कि सांप काटने से पीडि़त व्यक्ति का स्नायु तंत्र प्रभावित हो जाता है और हाथ पैर फूल जाते हैं। चिकित्सकों के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित राजकीय जवाहर अस्पताल में अप्रेल महीने व मई महीने में अब तक अब तक 50 सर्प दंश के मामले सामने आ चुके हैं।
गर्मी में विषधरों का आतंक
-सर्दी में सर्प बिलों में छिपे रहते हैं, गर्मी में आहार की तलाश में आते हैं बिलों से बाहर ।
-कम आबादी वाले रेतीले व सूने क्षेत्रों में सर्पों का विचरण अधिक रहता है।
यदि सर्प दंश से बचना है तो यह करें…
-सर्प आमतौर पर पैरों पर डसते हैं, इसलिए नंगे पैर नहीं घूमना नहीं चाहिए।
-रात के समय अंधेरे में ग्रामीण क्षेत्रों में टार्च, इमरजेंसी लाइट या लालटेन का उपयोग करना चाहिए।
-सर्प दंश वाले शरीर के अंगे पर चीरा नहीं लगाना चाहिए, इससे रुधिर अधिक बहने की आशंका रहती है।
-कई सांप ज्यादा जहरीले होते है। ऐसे में नीम हकीम या भोपा, झाड़-फूंक का सहारा न लेकर सीधे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
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नहरी क्षेत्र में बढ़ रहे मामले
इन दिनों नहरी क्षेत्र में बांडी, गोरावा व सिग नामक सांप के काटने के मरीज मेाहनगढ़ के अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच रहे है। इनमें से बांडी नामक सांप अधिक जहरीला है।मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में खेतों में कार्य करने के दौरान सर्प दंश की घटनाएं बढऩे लगी है। खेतों काट कर रखी गई फसलों व चारे को हटाने के दौरान सर्प दंश के मामले बढ़ रहे हैं। गत चार महीने में मोहनगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्प दंश के 13 मरीज उपचार के लिए पहुंचे है। अस्पताल में सर्प दंश के मरीजों के पहुंचने पर नि:शुल्क इंजेक्शन लगाए जा रहे है।
चिकित्सकों ने दी सावधानी बरतने की सलाह
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कार्यवाहक प्रभारी डॉ.धर्मपाल सिंह चौधरी बताते हैं कि रात्रि में पैदल आवाजाही के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सर्प दंश के मरीज को नजदीकी अस्पताल उपचार के लिए ले जाना चाहिए। सांप के काटे हुए स्थान पर किसी भी तरह का चीरा लगाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे टिटनेस की बीमारी हो सकती है। इसके अलावा हाथ या पैर में सांप के काटने पर डोरी या किसी कपड़े से कसकर नहीं बांधना चाहिए।
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