यदि सर्प दंश से बचना है तो यह करें…
-सर्प आमतौर पर पैरों पर डसते हैं, इसलिए नंगे पैर नहीं घूमना नहीं चाहिए।
-रात के समय अंधेरे में ग्रामीण क्षेत्रों में टार्च, इमरजेंसी लाइट या लालटेन का उपयोग करना चाहिए।
-सर्प दंश वाले शरीर के अंगे पर चीरा नहीं लगाना चाहिए, इससे रुधिर अधिक बहने की आशंका रहती है।
-कई सांप ज्यादा जहरीले होते है। ऐसे में नीम हकीम या भोपा, झाड़-फूंक का सहारा न लेकर सीधे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
-सर्प आमतौर पर पैरों पर डसते हैं, इसलिए नंगे पैर नहीं घूमना नहीं चाहिए।
-रात के समय अंधेरे में ग्रामीण क्षेत्रों में टार्च, इमरजेंसी लाइट या लालटेन का उपयोग करना चाहिए।
-सर्प दंश वाले शरीर के अंगे पर चीरा नहीं लगाना चाहिए, इससे रुधिर अधिक बहने की आशंका रहती है।
-कई सांप ज्यादा जहरीले होते है। ऐसे में नीम हकीम या भोपा, झाड़-फूंक का सहारा न लेकर सीधे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
इन दिनों नहरी क्षेत्र में बांडी, गोरावा व सिग नामक सांप के काटने के मरीज मेाहनगढ़ के अस्पताल में उपचार के लिए पहुंच रहे है। इनमें से बांडी नामक सांप अधिक जहरीला है।मोहनगढ़ के नहरी क्षेत्र में खेतों में कार्य करने के दौरान सर्प दंश की घटनाएं बढऩे लगी है। खेतों काट कर रखी गई फसलों व चारे को हटाने के दौरान सर्प दंश के मामले बढ़ रहे हैं। गत चार महीने में मोहनगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्प दंश के 13 मरीज उपचार के लिए पहुंचे है। अस्पताल में सर्प दंश के मरीजों के पहुंचने पर नि:शुल्क इंजेक्शन लगाए जा रहे है।
चिकित्सकों ने दी सावधानी बरतने की सलाह
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कार्यवाहक प्रभारी डॉ.धर्मपाल सिंह चौधरी बताते हैं कि रात्रि में पैदल आवाजाही के दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। सर्प दंश के मरीज को नजदीकी अस्पताल उपचार के लिए ले जाना चाहिए। सांप के काटे हुए स्थान पर किसी भी तरह का चीरा लगाना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे टिटनेस की बीमारी हो सकती है। इसके अलावा हाथ या पैर में सांप के काटने पर डोरी या किसी कपड़े से कसकर नहीं बांधना चाहिए।