इस राशि से स्टेशन क्षेत्र का विस्तार होगा और साथ ही यहां के आगंतुक स्थल से लेकर प्लेटफार्मों व अन्य जन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। जिसमें एक्सलेटर सीढिय़ां, लिफ्ट आदि भी शामिल है। वर्तमान दो मंजिला स्टेशन को तीन मंजिला बनाया जाना है और एयरपोर्ट में जिस तरह से विश्राम व शॉपिंग की सुविधा मिलती है, वह सब यहां सुलभ करवाया जाएगा। जानकारी के अनुसार रेलवे आने वाले समय में स्टेशन की कायापलट करने के बाद उसके व्यावसायिक उपयोग की योजना पर काम करेगा। पुनरुद्धार कार्यों की निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। जो चालू जुलाई माह में खोली जाएंगी। इसी वर्ष अक्टूबर में धरातल पर कार्य की शुरुआत होने की उम्मीद है और इस कार्य को पूरा होने में दो साल तक का समय लग सकता है।
पुरानी मांग पर सकारात्मक पहल
जैसलमेर रेलवे स्टेशन से लम्बी दूरी की ट्रेनों की सुविधा जो वर्तमान में बहुत अल्प है, उसे बढ़ाने के लिए यहां वाशिंग लाइन की स्थापना अत्यंत आवश्यक मानी जा रही है। यह मांग वर्षों पुरानी है। जानकारी के अनुसार जैसलमेर रेलवे स्टेशन पर वाशिंग लाइन के प्रस्ताव को जोधपुर स्थित उत्तर-पश्चिम मंडल की तरफ से हरी झंडी दिखाई जा चुकी है और अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए मुख्यालय को भेजा जा चुका है।
गौरतलब है कि वाशिंग लाइन की स्थापना हो जाने के बाद देश के कई बड़े शहरों के लिए सीधी लम्बी दूरी की टे्रनों को देश के सीमांत शहर तक लाया जा सकेगा। जो वर्तमान में पड़ोसी जोधपुर या बीकानेर तक आती हैं और वहीं से संचालित की जाती हैं। आधिकारिक सूत्रो ने बताया कि रेलवे स्टेशन के पुनरुद्धार की योजना को अमलीजामा पहनाने के दौरान ही वाशिंग लाइन की स्थापना का काम समानांतर रूप से करवाया जा सकेगा। गत अर्से से केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के जिला संगठन के साथ ही आमजन की तरफ से जैसलमेर में रेल सेवाओं के विकास और विस्तार के लिए लगातार मांग उठाई जा रही है। इस दौरान जिले के दो सांसदों जो केंद्र में मंत्री हैं, उनके सामने विभिन्न प्रस्ताव व मांगें रखी जा सकी हैं। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत तथा केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने जिले की मांगों को रेलवे मंत्रालय के समक्ष भी रखा है।
इसलिए जरूरी है जैसलमेर में रेल सेवाओं का विकास -
- पिछले कई वर्षों के दौरान लाइम स्टोन की ढुलाई की वजह से जैसलमेर रेलवे स्टेशन पूरे मंडल में सबसे ज्यादा राजस्व प्रदान करने वाला स्टेशन रहा है।
- जैसलमेर में प्रतिवर्ष लाखों की तादाद में देशी ही नहीं विदेशी सैलानी भी आते हैं। उन्हें रेल सुविधाओं की कमी बहुत खलती है। अगर यहां से रोजाना दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद, कोलकाता व दक्षिणी राज्यों के लिए टे्रनों की सुविधा मिल जाए तो पर्यटन के क्षेत्र में बूम आ सकता है।
- देश की पश्चिमी सीमा के अंतिम छोर पर बसे जैसलमेर की अंतरराष्ट्रीय सीमा साढ़े चार सौ किलोमीटर लम्बी है। जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल के दो सेक्टर मुख्यालय कार्यरत हैं और हजारों सीमा प्रहरी तैनात हैं। ऐसे ही सेना व वायुसेना के बड़े स्टेशनों की स्थापना यहां की गई है और हजारों की संख्या में सैनिक व अधिकारी अपने परिवारों के साथ यहां निवास करते हैं। उन सब लोगों को आवाजाही में रेल सेवाओं की कमी बहुत महसूस ेहोती है।
- जैसलमेर से वर्तमान में सप्ताह में चार दिन जम्मू तक की शालीमार एक्सप्रेस और काठगोदाम तक रानीखेत एक्सप्रेस सप्ताह में सातों दिन संचालित होती है।
- इसी तरह से जोधपुर व बीकानेर के लिए दिन में दो टे्रनें चलती हैं।
- इन टे्रनों के अलावा सप्ताह में महज एक दिन बांद्रा टे्रन चलती है। हावड़ा एक्सप्रेस पूर्व में चलती थी, वह कोरोना काल के बाद से बंद है।
फैक्ट फाइल -
- 1972 से शुरू हुई जैसलमेर से रेल सेवा
- 03 किलोमीटर की दूरी पर है शहर से रेलवे स्टेशन
- 04 ट्रेनों की आवाजाही ही होती है प्रतिदिन
सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी
जैसलमेर रेलवे स्टेशन के पुनरुद्धार और पुनर्विकास के कार्यों के लिए निविदा आमंत्रित की जा चुकी है। आगामी दिनों में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और इसी साल अक्टूबर में काम शुरू होने की उम्मीद है। इसके तहत जैसलमेर स्टेशन पर लोगों को सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी।
- जितेन्द्र मीना, वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक, उत्तर-पश्चिम रेलवे, जोधपुर