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धोरों की नगरी से रुठने लगे फिल्मकार,लम्बे अर्से से नहीं हुई किसी फिल्म की शूटिंग

locationजैसलमेरPublished: Apr 13, 2019 06:50:12 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-लम्बे अर्से से स्वर्णनगरी में नहीं हुई किसी फिल्म की शूटिंग-बड़े पैमाने पर जैसलमेर को फिल्मों ने दिलाई प्रसिद्धि

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धोरों की नगरी से रुठने लगे फिल्मकार,लम्बे अर्से से नहीं हुई किसी फिल्म की शूटिंग

जैसलमेर. ‘बादशाहो’, ‘परमाणु’ और हाऊसफुल चार जैसी कुछ हिंदी फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो श्रेष्ठ लोकेशन, कलात्मक सुंदरता और मन मोहक नजारों के कारण हॉलीवुड, बॉलीवुड सहित दक्षिण भारतीय फिल्मों के फिल्मकारों की पसंदीदा नगरी मानी जाने वाली स्वर्णनगरी में कैमरा, साउंड व एक्शन … का नजारा देखने को नहीं मिल रहा है। वे दिन बीत गए जब एक वर्ष में आधा दर्जन से ज्यादा हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों की शूटिंग जैसलमेर में होती रही हैं। अब वर्ष में एक या दो फिल्मों की शूटिंग ही देखने को मिल रही है। लंबे समय बाद अंतरराष्ट्रीय सिने कलाकार जैकी चैन की फिल्म वेन यार्ड की शूटिंग जैसलमेर में होने से उम्मीद जगी है, लेकिन आशंका के बादल फिलहाल छंटे नहीं है। लंबे अरसे से स्वर्णनगरी में किसी बड़ी फिल्म की शूटिंग नहीं होने से चिंता होना लाजमी है। उधर, पड़ौसी जोधपुर व बीकानेर जिलों के अलावा राजस्थान के जयपुर व उदयपुर आदि क्षेत्रों में कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी हैं तथा आगामी दिनों में प्रस्तावित बताई जा रही है।
आखिर क्यों हो रहा फिल्मकारों का मोह भंंग
-जैसलमेर में फिल्मों आदि की शूटिंग करने के संबंध मे सख्त नियम।
-300 गांव बाहरी लोगों की आवाजाही व अन्य गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित है।
-आठ पुलिस थाना क्षेत्र प्रतिबंधित क्षेत्र में हैं, जहां बाहरी व्यक्ति को आवाजाही के लिए भी प्रशासन से पूर्वानुमति लेनी होती है।
-फिल्म यूनिट में कई तकनीशियन आदि विदेशी नागरिक होते हैं, उनके लिए तो जैसलमेर में काम करना और ज्यादा कठिन हो जाता है।
-शूटिंग यूनिट्स के यहां नहीं पहुंचने का एक बड़ा कारण हवाई सेवा का समुचित प्रचार-प्रसार नहीं होना भी माना जा रहा है।
– जानकारों की मानें तो फिल्म शूटिंग की आसानी से अनुमति न मिलने से ८० फीसदी फिल्मों की शूटिंग जैसलमेर की बजाय अन्यत्र हो रही हैै।
बादशाहों की शूटिंग में आई थी अड़चन
अजय देवगन की प्रमुख भूमिका वाली ‘बादशाहो’ की शूटिंग के दौरान पूरी फिल्म यूनिट को जिले के सीमावर्ती रणाऊमें काफी कड़वे अनुभवों से गुजरना पड़ा था और अनुमति बड़ी मशक्कतके बाद मिल पाई थी।
अछूती लोकेशन तक पहुंच मुश्किल
-सोनार दुर्ग, सम के धोरों, हवेलियों, गड़ीसर सरोवर, कुलधरा आदि जगहों को दर्शक पर्दे पर कई बार देख चुके हैं।

ये बन सकते है शूटिंग के नए स्थल

-काणोद एवं जोगा जैसे गांवों में विशाल रण है, जो कच्छ के रण को टक्कर दे सकते हैं।
-दव और फुलिया जैसे गांवों में दुबई से भी ज्यादा स्वच्छ व सुंदर ड्यून्स हैं।
-प्राकृतिक सुंदरता के लिहाज से रणाऊ, मंगलसिंहपुरा व गिरदूवाला शूटिंग स्थलों के रूप में खास पहचान बना सकते हैं।
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