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जैसाण में जीका नहीं, लेकिन भय वही,जागरुकता कार्यक्रमों व बचाव प्रबंधों में सक्रिय प्रयासों की दरकार

locationजैसलमेरPublished: Oct 15, 2018 09:04:25 am

Submitted by:

Deepak Vyas

-प्रदेश की राजधानी में बढ़ते संक्रमण ने बढ़ाई स्थानीय की चिंता-जिम्मेदारों का दावा- खतरे की बात नहीं, तैयार है हम

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जैसाण में जीका नहीं, लेकिन भय वही,जागरुकता कार्यक्रमों व बचाव प्रबंधों में सक्रिय प्रयासों की दरकार

जैसलमेर/पोकरण. प्रदेश की राजधानी जयपुर में 55 मरीजों को संक्रमण में ले चुका जीका वायरस से जैसलमेर व पोकरण क्षेत्र के बाशिंदे राहत में हैं, लेकिन जिम्मेदारों की ओर से इसको लेकर जागरुकता लाने के प्रयासों में कमी देखने को मिल रही है। हालांकि जिम्मेदार विभाग का दावा है कि सरहदी जिले में चिंता की कोई बात नहीं है और वे इससे निपटने को लेकर पूरी तरह से तैयार है। हकीकत यह भी है कि प्रशासनिक स्तर पर इसकी रोकथाम के लिए न तो कोई जागरुकता लाने के प्रयास किए गए हैं और न ही इसके बचाव व उपचार से संबंधित कोई होर्डिंग नजर आ रहे है। राजधानी में खौफ फैला चुके जीका वायरस के प्रकोप के चलते स्थानीय लोगों में रोग को लेकर भय व दहशत का माहौल है। हर कोई व्यक्ति जीका वायरस को लेकर चिंतित तथा उसके फैलने की चर्चा करते हुए देखा जा सकता है। हालांकि स्थानीय राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधिकारियों की ओर से इस क्षेत्र में जीका वायरस के मरीज नहीं होने का दावा किया जा रहा है तथा रोगी पाए जाने की स्थिति में उसके उपचार की भी पर्याप्त व्यवस्था होने की बात कही जा रही है।

जीका वायरस के लक्षण
-जीका वायरस एक विशेष प्रकार के मच्छर से पैदा होते है और ये मच्छर अधिक बारिश होने पर पनपते है।
-जीका वायरस मच्छर से फैलने वाला एक साधारण बुखार है, जिससे रोगी को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।
-इसमें मच्छर काटने व वायरस फैलने से रोगी को पहले जुकाम होता और बुखार आता है, नाक से पानी बहने लगता है।

-उसके शरीर पर लाल चकते हो जाते है। मरीज को जुकाम या बुखार होने पर तत्काल चिकित्सालय आकर उसका उपचार करवाने की जरूरत है।
-बीमारी के प्रारंभिक लक्षणों में मरीज के जोड़ों में दर्द, आंखो को लाल होना, हल्का बुखार और धीरे धीरे मरीज शरीर में लाल चकते होना शामिल है।

-जीक वायरस से पीडि़त यदि कोई गर्भवती महिला हो जाती है तो यह वायरस उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है। गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास रुकने की भी आशंका है।

दवाइयां उपलब्ध, अलग से आइसोलेशन वार्ड
अभी तक जैसलमेर व पोकरण क्षेत्र में जीका का एक भी मरीज नहीं पाया गया है। चिकित्सा महकमे के जिम्मेदारों की मानें तो क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाइयों की व्यवस्था कर दी गई है। पोकरण के राजकीय अस्पताल में अलग से एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जहां मरीज को अन्य मरीजों से अलग रखकर उपचार किया जाएगा, ताकि उसके संक्रमण से अन्य किसी मरीज पर उसका असर नहीं हो। अस्पताल में जुकाम, बुखार, एलर्जी से बचने के लिए पर्याप्त संख्या में रोग प्रतिरोधक दवाइयां उपलब्ध है। व्यवस्था यह की गई है कि यदि कोई ज्यादा गंभीर रोगी पाया जाता है, तो उसे तत्काल जोधपुर रैफर किया जाएगा।
पोकरण में नहीं है खतरा
इस वर्ष जिले व पोकरण क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है। ऐसे में जीका वायरस के फैलने का खतरा नहीं के बराबर है। अभी तक इस क्षेत्र में जीका का एक भी मरीज नहीं पाया गया है। क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाइयों की व्यवस्था कर दी गई है।
-डॉ. बीएल गर्ग, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पोकरण
बचाव के उपाय
-घर के आस-पास कहीं पर पानी जमा नहीं होने दें।
-पीने व नहाने के पानी को खुला ना रखें और उस पर ढक्कन लगा कर रखा जाए।
-नहाने के पानी की टंकियों को भी खुला ना रखें, उस पानी में दवा आदि डालकर रखें।
-कूलर आदि को खाली कर उसे सूखा कर रखा जाए। -जोड़ों मे दर्द व आंखो के लाल होने पर तुरंत चिकित्सक के पास जाएं।
घबराने की जरूरत नहीं
यह जानलेवा वाइरस नहीं है। जिस प्रकार डेंगू चिकनगुनिया आदि से बचने के रोकथाम के कार्यक्रम चल रहे है, वहीं उपचार इस जीका वाइरस के लिए है। गांवों में और सार्वजनिक स्थान जहां गंदगी है वहां दवाई छिडक़ाई जा रही है। एंटी वायरल डोज भी उपलब्ध है। घबराने जैसी काई बात नहीं है।
-डॉ. बीएल बुनकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर

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