-जीका वायरस एक विशेष प्रकार के मच्छर से पैदा होते है और ये मच्छर अधिक बारिश होने पर पनपते है।
-जीका वायरस मच्छर से फैलने वाला एक साधारण बुखार है, जिससे रोगी को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है।
दवाइयां उपलब्ध, अलग से आइसोलेशन वार्ड
अभी तक जैसलमेर व पोकरण क्षेत्र में जीका का एक भी मरीज नहीं पाया गया है। चिकित्सा महकमे के जिम्मेदारों की मानें तो क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाइयों की व्यवस्था कर दी गई है। पोकरण के राजकीय अस्पताल में अलग से एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। जहां मरीज को अन्य मरीजों से अलग रखकर उपचार किया जाएगा, ताकि उसके संक्रमण से अन्य किसी मरीज पर उसका असर नहीं हो। अस्पताल में जुकाम, बुखार, एलर्जी से बचने के लिए पर्याप्त संख्या में रोग प्रतिरोधक दवाइयां उपलब्ध है। व्यवस्था यह की गई है कि यदि कोई ज्यादा गंभीर रोगी पाया जाता है, तो उसे तत्काल जोधपुर रैफर किया जाएगा।
इस वर्ष जिले व पोकरण क्षेत्र में बारिश नहीं हुई है। ऐसे में जीका वायरस के फैलने का खतरा नहीं के बराबर है। अभी तक इस क्षेत्र में जीका का एक भी मरीज नहीं पाया गया है। क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर दवाइयों की व्यवस्था कर दी गई है।
-डॉ. बीएल गर्ग, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पोकरण
-घर के आस-पास कहीं पर पानी जमा नहीं होने दें।
-पीने व नहाने के पानी को खुला ना रखें और उस पर ढक्कन लगा कर रखा जाए।
-नहाने के पानी की टंकियों को भी खुला ना रखें, उस पानी में दवा आदि डालकर रखें।
-कूलर आदि को खाली कर उसे सूखा कर रखा जाए। -जोड़ों मे दर्द व आंखो के लाल होने पर तुरंत चिकित्सक के पास जाएं।
यह जानलेवा वाइरस नहीं है। जिस प्रकार डेंगू चिकनगुनिया आदि से बचने के रोकथाम के कार्यक्रम चल रहे है, वहीं उपचार इस जीका वाइरस के लिए है। गांवों में और सार्वजनिक स्थान जहां गंदगी है वहां दवाई छिडक़ाई जा रही है। एंटी वायरल डोज भी उपलब्ध है। घबराने जैसी काई बात नहीं है।
-डॉ. बीएल बुनकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जैसलमेर