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अब तो कृपया चेत जाएं, आधी वयस्क आबादी पर मंडरा रहा खतरा

locationजैसलमेरPublished: Nov 22, 2021 12:54:33 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-49 प्रतिशत ने ही अब तक लगवाई है कोरोना की दोनों डोज-जैसलमेर की द पती जोधपुर में पाई गई संक्रमित

अब तो कृपया चेत जाएं, आधी वयस्क आबादी पर मंडरा रहा खतरा

अब तो कृपया चेत जाएं, आधी वयस्क आबादी पर मंडरा रहा खतरा


जैसलमेर. सीमावर्ती जैसलमेर जिले के बाशिंदों ने भले ही स्थितियां सामान्य देखकर वैक्सीनेशन के महत्व को बिसरा दिया है, लेकिन जोधपुर में जैसलमेर शहर निवासी दंपती के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद जल्द से जल्द वयस्क आबादी के दूसरी डोज लगवाने की जरूरत शिद्दत से महसूस की जाने लगी है। गौरतलब है कि जैसलमेर के गफूर भ_ा निवासी दंपती की जोधपुर में कोविड जांच करवाए जाने पर वे पॉजिटिव पाए गए हैं। इससे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की चिंता स्वाभाविक रूप से बढ़ गई है। इस बीच यह सूचना और डराने वाली है कि जैसलमेर जिले में अभी तक कोरोना की दूसरी डोज महज 49 प्रतिशत वयस्क आबादी को ही लग सकी है। यानी 18 साल से ऊपर के 51 फीसदी लोग कोरोना की तीसरी लहर की आशंका में कमजोर कड़ी साबित हो सकते हैं। जहां तक पहली डोज का सवाल है, यह 84 प्रतिशत लोग लगवा चुके हैं। इस आंकड़े को चिकित्सा विभाग के अधिकारी भी पर्याप्त मानते हंैं।
क्यों है जरूरी दूसरी डोज
सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञों से लेकर केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से बार बार कोरोनारोधी वैक्शीनेशन के अंतर्गत दोनों डोज लगवाने पर बल दिया जा रहा है। यह तथ्य मान लिया है कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद व्यक्ति के अव्वल तो कोरोना से संक्रमित होने का खतरा काफी हद तक टल जाता है। इसके अलावा उनके शरीर में अगर जांच में संक्रमण पाया भी जाए तो वह उनके लिए खतरनाक कतई नहीं हो सकता। जोधपुर में जो दंपती संक्रमित पाई गई है। उसमें भी जिसके दोनों डोज लगी है, उसमें किसी तरह की स्वास्थ्यगत समस्या नहीं है। जबकि जिसके एक डोज लगी है, उसके तकलीफ हो रही है।
मंदा पड़ा उत्साह
जैसलमेर जिले में जैसे ही आमजन के लिए 18 साल से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन लगाने की शुरुआत की गई, बाशिंदों ने शहर के साथ गांवों में भी बढ़-चढ़कर वैक्सीन लगवाई। लेकिन पिछले कई महीनों से कोरोना के कैसेज आना बंद होने के बाद से लोगों ने वैक्सीन के महत्व को एक तरह से बिसरा दिया है। हालांकि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास अब वैक्सीन की भी कोई कमी नहीं है। हालत यह है कि गांवों ही नहीं जिला मु यालय तक में ऐसे हजारों लोग हैं, जिन्होंने निर्धारित अवधि निकलने के बावजूद अब तक दूसरी डोज नहीं लगवाई है। जबकि दो दिन पहले ही मु यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र से बूस्टर डोज यानी तीसरी खुराक लगाने की दिशा में कदम उठाने को लेकर पत्र लिखने की बात कही थी। ऐसे ही पूरी क्षमता के साथ प्रत्येक कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूल शुरू हो जाने के चलते कई अभिभावकों की मांग है कि विदेशों की तर्ज पर अपने यहां भी बच्चों का वैक्शीनेशन करवाया जाना चाहिए। जैसलमेर जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने करीब बीस हजार लोगों को संक्रमित किया और तीन सौ से ज्यादा जनों की जिंदगी लील दी थी। इससे लोग आतंकित हो गए थे। जुलाई के बाद से संक्रमण एकदम से थम गया। बीच में अगस्त माह में सीमा सुरक्षा बल में महिला प्रहरी के गृह राज्य महाराष्ट्र से छुट्टियां मनाकर लौटने के बाद कोरोना होने की पुष्टि हुई थी और उसका पति भी पॉजिटिव पाया गया था। स्थानीय बाशिंदे कई महीनों के पश्चात संक्रमित पाए गए हैं। उनके साथ दो सैन्यकर्मियों के भी पॉजिटिव आने की अपुष्ट सूचना मिली है। जिनके उपचार से लेकर सारी व्यवस्थाएं उनके परिसर में ही होती है।
फैक्ट फाइल –
– 84 प्रतिशत ने लगवाई पहली डोज
– 49 प्रतिशत लोगों के ही लगी है दूसरी डोज
– 04 माह से ज्यादा समय तक एक भी स्थानीय बाशिंदा संक्रमित नहीं

कोताही न बरतें, दोनों डोज लगवाएं
कोरोना से पूर्णतया बचाव के लिए वैक्सीन सबसे बड़ा हथियार है। ऐसे में जिले के सभी वयस्कों को दोनों डोज लगवाने के लिए आगे आना चाहिए। यह उनके साथ पूरे समाज के लिए हितकारी है।
– डॉ. कुणाल साहू, सीएमएचओ, जैसलमेर
फोटो : 79. जैसलमेर में पहले इस तरह लगती थी वैक्सीन लगवाने के लिए कतारें। फाइल
80. वैक्सीन लगवाता युवा। फाइल

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