scriptअब पर्यटन उद्योग को दिसम्बर का भरोसा ! | Now the tourism industry is confident of December | Patrika News

अब पर्यटन उद्योग को दिसम्बर का भरोसा !

locationजैसलमेरPublished: Dec 12, 2019 05:07:06 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

-अब तक पर्यटकों की आवक में 70 प्रतिशत की गिरावट- पर्यटन क्षेत्र की मंदी से हजारों परिवारों पर संकट

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जैसलमेर. पर्यटन के क्षेत्र में विगत वर्षों के दौरान तरक्की के झंडे गाडने वाले जैसलमेर के चालू साल में पर्यटन सीजन को ‘नजर’ लग गई है। इस वर्ष मार्च माह से देशी-विदेशी दोनों प्रकार के पर्यटकों की आवक में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाने वाला अक्टूबर महीना दिवाली जैसा बड़ा अवसर होने के बावजूद फीका ही गया और अब पर्यटन क्षेत्र की सारी उम्मीदें दिसम्बर के क्रिसमस तथा नववर्ष आगमन अवसरों पर टिक गई हैं। दोनों अवसर भी दिवाली के जैसे कम आवक वाले साबित हुए तो पर्यटन से प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से जुड़े हजारों परिवारों के लिए संकट के हालात बने हुए हैं। वर्ष 2019 का आगाज पिछले सालों की तरह बेहतर ढंग से हुआ। प्रारंभ के दो महीनों जनवरी और फरवरी में साल 2018 के रिकॉर्ड तोड़ आवक से भी आगे तक सैलानियों का आगमन हुआ, लेकिन मार्च से इसमें गिरावट आ गई।
यह रही स्थिति
-जून माह में तो देशी सैलानियों की आवक में गत वर्ष की तुलना में 70 प्रतिशत और विदेशियों के मामले में 85 प्रतिशत तक की गिरावट रिकॉर्ड की गई।
-लम्बे अर्से बाद जून में विदेशी एक हजार से भी कम केवल 720 ही जैसलमेर आए। ऐसा मंजर विगत कई सालों के दौरान देखने को नहीं मिला।
– जनवरी से अक्टूबर तक साल 2018 में 4 लाख 47 हजार 103 देशी और 99 हजार 988 विदेशी सैलानी जैसलमेर आए।
-इस वर्ष 2 लाख 80 हजार 281 देशी और 71 हजार 460 विदेशी पर्यटक स्वर्णनगरी आए।
ये है प्रमुख कारण
-पर्यटन क्षेत्र के जानकारों की मानें तो जैसलमेर में पर्यटकों की 2019 में रिकॉर्ड कमी की सबसे बड़ी वजह देश और दुनिया में व्याप्त आर्थिक मंदी है।
-उनके अनुसार कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से वहां पर्यटक नगण्य संख्या में पहुंच रहे हैं। जैसलमेर में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा मिलना चाहिए था, लेकिन आर्थिक मंदी का घटाटोप छा जाने से ऐसा नहीं हो पाया।
-विदेशियों की कम आवक का एक बड़ा कारण पिछले अर्से के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव में बढ़ोतरी को भी माना जा रहा है।
-जैसलमेर सीमावर्ती जिला है और इसकी सैकड़ों किलोमीटर लम्बी सीमा पाकिस्तान से लगती है।
-जैसलमेर पर्यटन को विमान सेवा से जुडऩे का लाभ भी मंदी और अन्य कारणों की नजर हो गया।
..तो पड़ेगा विपरित असर
इस वर्ष पर्यटन सीजन हर बार की तुलना में बहुत कमजोर जा रहा है। अब सारी उम्मीदें इस दिसम्बर माह से जुड़ी हैं। पर्यटकों के कम आने का मुख्य कारण मंदी ही नजर आता है। कम पर्यटन से जिले की अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पडऩा स्वाभाविक है।
– कैलाश कुमार व्यास, अध्यक्ष, सम कैम्प एंड रिसोट्र्स वेलफेयर सोसायटी
अन्य कारण भी अहम
पर्यटकों के कम संख्या में आगमन के लिए आर्थिक मंदी के अलावा और भी कई कारण हैं। इनमें जैसलमेर की पर्यटन क्षेत्र में मार्केटिंग की अपेक्षाकृत कमी, यहां बड़ी होटलों में ठहरने का खर्च अधिक होने से लेकर नगरीय व्यवस्थाओं में कमी अहम है।
– गजेंद्र कुमार शर्मा, टूरिस्ट गाइड
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