खामियों को दूर करने में लगे पांच दिन एमओयू के बाद कंपनी के तकनीशियन जैसलमेर पहुंच गए थे। पिछले पांच दिन से पीएमओ डॉ. उषा दुग्गड़ के नेतृत्व में अस्पताल स्टाफ व कंपनी के तकनीशियन मशीन की खामियों को दूर करने में लगे हुए थे। जो उपकरण कम थे उसे मंगवाए गए और आखिरकार मशीन को शुरू कर मरीज का डायलिसिस किया गया। जो सफल रहा।
नि:शुल्क होगा डायलिसिस
जवाहर अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने के बाद मरीजों को काफी राहत मिलेगी। निजी अस्पतालों में डायलिसिस करवाने पर हजारों रुपए खर्च होते हैं। जवाहर अस्पताल में यह सुविधा निशुल्क मिलेगी। अस्पताल में डायलिसिस के दो सैटअप हैए एक समय में दो मरीजों का डायलिसिस हो सकेगा। एक बार में करीब तीन घंटे का समय लगता है।