जैसलमेर-बाड़मेर-भाभर के बीच रेल सम्पर्क कायम हो जाए तो जैसलमेर का प्रत्येक बाशिंदा सीधे तौर पर लाभान्वित होगा। जैसलमेर और बाड़मेर सबसे नजदीकी जिले हैं और यहां के बाशिंदों के बीच रोटी.बेटी के संबंध दशकों पुराने हैं। इसके अलावा जैसलमेर का पर्यटन सहित व्यापार.वाणिÓय का बड़ा हिस्सा गुजरात से जुड़ा है। जैसलमेर से प्रतिदिन करीब एक दर्जन सरकारी व निजी क्षेत्र की बसों का संचालन गुजरात के विभिन्न शहरों के बीच होता रहा है। विगत अर्से से रोजाना दो विमानों की आवाजाही जैसलमेर और अहमदाबाद व एक विमान सेवा सूरत के लिए संचालित होती रही है। यह रेल परियोजना आर्थिक तौर पर पिछड़े जैसलमेर को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इससे जैसलमेर आने वाले हजारों गुजराती सैलानियों को तो बड़ी सुविधा मिलेगी ही, बाड़मेर भी पर्यटन नक्शे पर उभर सकेगा।
2009 में सांसद रहते हुए सर्वे का कार्य पूर्ण करवाया था। इस रेल के लिए पूरी तरह से पैरवी की गई लेकिन बाद में यह मामला अटक गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से ठोस तरीके से मांग रखी है। प्रधानमंत्री इसी बजट में रेल लाइन की घोषणा करें तो यह क्षेत्र को बड़ी मदद होगी। यह रेल लाइन यहां की लाइफ लाइन बनेगी।. -हरीश चौधरी, राजस्व मंत्री राजस्थान सरकार
बीमार लोगों के लिए यह रेल लाइन जीवनदायनी बनेगी। अभी गुजरात उपचार को पालयन होता है। कोरोनाकाल में भी गुजरात से द वाइयां मंगवाकर बड़ी संख्या में केमिस्ट एसोसिएशन ने दी है। यह रेल लाइन शुरू होती है तो बाड़मेर के आम आदमी को राहत मिलेगी।
-बद्रीप्रसाद शारदा, अध्यक्ष केमिस्ट एसोसिएशन
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जैसलमेर.बाड़मेर.भाभर रेल प्रोजेक्ट की पैरवी कर सीमावर्ती क्षेत्रों के हित में कदम उठाया है। अब केंद्र सरकार को इसे अनार्थिक मान कर नजरअंदाज करने की जगह सकारात्मक रुख दर्शाना चाहिए।
-कैलाश कुमार व्यास, अध्यक्ष सम रिसोट्र्स वेलफेयर सोसायटी, जैसलमेर