scriptपथरी के नाम पर किया ऑपरेशन, निकाली नहीं | Operation done in the name of stone, not removed | Patrika News

पथरी के नाम पर किया ऑपरेशन, निकाली नहीं

locationजैसलमेरPublished: Apr 10, 2021 12:35:37 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– उपभोक्ता न्यायालय ने डेढ़ लाख का लगाया जुर्माना

पथरी के नाम पर किया ऑपरेशन, निकाली नहीं

पथरी के नाम पर किया ऑपरेशन, निकाली नहीं

पोकरण. क्षेत्र के सांकड़ा निवासी एक व्यक्ति के करीब छह वर्ष पूर्व पथरी के नाम पर जोधपुर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया गया, लेकिन पथरी नहीं निकाली गई। जिसको लेकर प्रार्थी की ओर से जोधपुर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम में वाद दायर किया गया। छह वर्ष बाद आयोग की ओर से फैसला सुनाते हुए ऑपरेशन के लिए ली गई राशि, जुर्माना राशि लौटाने के आदेश दिए गए। सांकड़ा निवासी ईशेखां पुत्र नोगेखां ने बताया कि 15 अगस्त 2015 को वह उपचार के लिए जोधपुर के जीवन ज्योति नर्सिंग होम में भर्ती हुआ। यहां चिकित्सकों ने विभिन्न जांचों के बाद उसे गुर्दे में पथरी होना बताकर ऑपरेशन की सलाह दी। 19 अगस्त को ऑपरेशन के लिए उसे कमला नगर अस्पताल में रैफर किया गया। कमला नगर अस्पताल में भी विभिन्न प्रकार की जांचें की गई, जिसमें पथरी होना बताया तथा डॉ.राम गोयल ने ऑपरेशन की सलाह दी। प्रार्थी की सहमति पर उन्होंने स्वयं उसी दिन ऑपरेशन करने की बात कही, लेकिन ऑपरेशन थिएटर में किसी कनिष्ठ चिकित्सक को ऑपरेशन कर पथरी निकालने के निर्देश दिए। चिकित्सकों ने उसे बताया कि दूरबीन पद्धति से ऑपरेशन किया जाना बताकर 20 अगस्त को छुट्टी दे दी गई ऑर 10 दिन बाद पुन: चैक करवाने का कहा। 10 दिनों में भी उसे आराम नहीं मिला। पुन: चैक करवाने पर भी दवाइयां लिख दी गई, लेकिन उसे दर्द में राहत नहीं मिली। आठ सितम्बर 2015 को दर्द ज्यादा होने पर वह अस्पताल आया, लेकिन उसे दवाइयां देकर रवाना कर दिया गया। जिस पर उसने अन्य चिकित्सक की सलाह पर सोनोग्राफी, एक्स-रे व सिटी स्कैन करवाई, तो पथरी के यथावत होने की जानकारी मिली। रिपोर्ट लेकर वे पुन: डॉ.राम गोयल के पास पहुंचे, तो उन्होंने कनिष्ठ चिकित्सक को बुलाकर पूछताछ की। जिस पर उसने गलती किया जाना स्वीकार किया। प्रार्थी ने फर्जी ऑपरेशन के नाम पर वसूल की गई 50 हजार रुपए की राशि पुन: लौटाने की बात कही, ताकि गुर्दे की पथरी का सही ऑपरेशन पुन: दूसरी जगह करवा सके। चिकित्सक ने पहले कुछ राशि लौटाने की बात कही, लेकिन बाद में इनकार कर दिया। प्रार्थी ने बाद में विनायक अस्पताल से डॉ.प्रदीपकुमार शर्मा से आठ सितम्बर 2015 को संपर्क किया तथा 11 सितम्बर को ऑपरेशन करवाया। दूसरे ऑपरेशन में प्रार्थी को 35 हजार रुपए का खर्चा हुआ। पूर्व में अन्य जांचों में भी काफी राशि खर्च हुई। जिस पर उसने जोधपुर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रथम में वाद दायर कर न्याय दिलाने की मांग की।
आयोग ने सुनाया आदेश
आयोग की अध्यक्ष चंद्रकला जैन, सदस्य राजाराम सर्राफ, अफसाना खान की ओर से मामले की सुनवाई की गई। आयोग की ओर से दोनों पक्षों व गवाहों को सुनने के बाद गत 25 मार्च को फैसला सुनाते हुए बताया कि कमला नगर अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ.राम गोयल प्रार्थी ईशेखां को एक माह में इलाज के नाम पर लिए गए 50 हजार रुपए तथा मानसिक, शारीरिक, आर्थिक कष्ट, दुबारा ऑपरेशन की पीड़ा व दर्द के लिए एक लाख 50 हजार रुपए हर्जाने के रूप में अदा करेंगे। निर्धारित अवधि में राशि अदा नहीं करने तक प्रार्थी नौ प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी प्राप्त करने का अधिकारी होगा।

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