सडक़ों पर उतरा गुस्सा, जाम कर किया विरोध प्रदर्शन-करणी सेना व राजपूत सेवा समिति ने निकाला जुलूस
पोकरण. करणी सेना व राजपूत सेवा समिति के तत्वावधान में सर्वसमाज की ओर से मंगलवार को जुलूस निकालकर, विरोध प्रदर्शन कर
पद्मावत फिल्म पर रोक लगाने की मांग की गई। इस दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाकर संजय लीला भंसाली का पुतला फूंका गया। प्रदर्शनकारियों ने मुख्य चौराहे पर टायर जलाकर जमकर नारेबाजी की। राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष सांगसिंह गड़ी, राजपूत सेवा समिति के अध्यक्ष राणीदानसिंह भाटी, बलवंतसिंह जोधा, लखसिंह सनावड़ा, रावलसिंह पूनमनगर, कालूसिंह छायण, लक्ष्मणसिंह भणियाणा, गुमानसिंह केरालिया, हरिसिंह, राजूसिंह, मदनसिंह, कंवराजसिंह, समंदरसिंह, स्वरूपसिंह, मोतीसिंह, मयूर जोशी, पिंटू रंगा, चंद्रवीरसिंह, भगवानसिंह, वीरमसिंह सहित बड़ी संख्या में युवा राजपूत दयाल सैनिक छात्रावास में एकत्र हुए। यहां राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, राजपूत सेवा समिति के कार्यकर्ताओं की एक सामूहिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें पद्मावत फिल्म में इतिहास को तोड़ मरोडकऱ प्रदर्शित करने का जमकर विरोध किया गया तथा फिल्म को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की मांग की गई। यहां से एक जुलूस निकाला गया, जो भवानीपुरा, रेलवे स्टेशन रोड, उपखण्ड अधिकारी कार्यालय होते हुए जयनारायण व्यास सर्किल पहुंचा। यहां युवाओं ने जमकर नारेबाजी की तथा विरोध प्रदर्शन किया।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाया जाम
युवाओं ने जयनारायण व्यास सर्किल पर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। युवाओं ने राजमार्ग पर टायर तथा पद्मावत फिल्म के निदेशक संजय लीला भंसाली का पुतला जलाया। युवाओं ने यहां से आने-जाने वाले वाहनों को रोक दिया तथा नारेबाजी करते हुए उन्हें आगे नहीं बढने दिया। इस दौरान थानाधिकारी माणकराम विश्रोई के नेतृत्व में पुलिस जाब्ता भी तैनात था। करीब आधे घंटे तक युवाओं ने वाहनों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने अन्य रास्तों से वाहनों को रवाना किया। समझाइश पर विरोध कर रहे युवक राष्ट्रीय राजमार्ग से हट गए तथा उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां आधे घंटे तक नारेबाजी के बाद कार्यकर्ता रवाना हुए।
आपस में उलझे कार्यकर्ता
विरोध प्रदर्शन के दौरान एकबारगी कार्यकर्ता आपस में उलझते नजर आए। कुछ कार्यकर्ता जाम का समर्थन करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तो कुछ कार्यकर्ता युवाओं को जाम करने की बजाय उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के आगे विरोध प्रदर्शन की बात कह रहे थे। ऐसे में एकबारगी आपस में उलझने की नौबत आ गई। इसके बाद कार्यकर्ताओं उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां वे बार-बार उपखण्ड अधिकारी को बाहर बुलाने की अपील करते रहे, लेकिन उपखण्ड अधिकारी यहां नहीं होने से पुलिस उन्हें कार्यालय के अंदर जाने से रोकती रही। कुछ देर बाद विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पदाधिकारियों ने कार्यकर्ताओं को बाहर बुला लिया। करीब दो बजे तक कार्यकर्ताओं ने उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की।