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संसदीय समिति ने महसूस की जैसलमेर की जरूरतें

locationजैसलमेरPublished: Nov 16, 2021 04:56:23 pm

Submitted by:

Deepak Vyas

– सोनार दुर्ग के संरक्षण और सैलानियों को सुविधाएं दिलाने पर विचार- रेल सेवाओं में बढ़ोतरी का भी बना माहौल

संसदीय समिति ने महसूस की जैसलमेर की जरूरतें

संसदीय समिति ने महसूस की जैसलमेर की जरूरतें


जैसलमेर। राज्यसभा की पर्यटन, परिवहन और कला संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की यात्रा जैसलमेर के लिए फलदायी साबित होने की उ मीद जगी है। समिति में शामिल विभिन्न दलों के संसद सदस्यों तथा भारत सरकार के उच्चाधिकारियों ने यह महसूस किया कि जैसलमेर जैसे सीमांत क्षेत्रीय पर्यटन स्थल को सैलानियों के लिए ज्यादा सुविधाजनक बनाने, सड़क, रेल व हवाई स पर्क बढ़ाने तथा यहां की ऐतिहासिक धरोहरों के रखरखाव की तरफ ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है। समिति के सदस्यों ने रविवार को जैसलमेर के विभिन्न स्थलों का भ्रमण करने के बाद सोमवार को होटल मेरियट के सभाकक्ष में बैठक कर व्यवस्थाओं पर विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने एनएचएआइ की ओर से चलाए जा रहे सड़क प्रोजेक्ट्स के संबंध में भी व्यापक विचार विमर्श किया। गौरतलब है कि स्थायी समिति के सदस्यों ने जैसलमेर में सोमवार को वॉर यूजियम, सोनार दुर्ग और पटवा हवेली का दौरा किया था। इस समिति का नेतृत्व अध्यक्ष टीजी वेंकटेश कर रहे हैं। जैसलमेर से यह समिति जोधपुर के लिए रवाना हो गई। मार्ग में वह खींचन क्षेत्र का भी अवलोकन करेगी। जैसलमेर में आयोजित बैठक में जिला कलक्टर आशीष मोदी के अलावा जिला प्रमुख प्रतापसिंह सोलंकी, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश शारदा तथा पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी एवं छोटूसिंह भाटी भी मौजूद थे।
सोनार दुर्ग के हालात पर जताई निराशा
समिति ने जैसलमेर के ऐतिहासिक सोनार दुर्ग की वर्तमान हालात पर निराशा का इजहार किया। अध्यक्ष टीजी वेंकटेश ने इस संबंध में पत्रिका से विशेष बातचीत में कहा कि दुर्ग में बड़ी सं या में वाहनों की आवाजाही होती रहने से सैलानियों को भारी असुविधा होती है। ऐसे ही जगह-जगह बिजली के तार लटक रहे हैं और उन्हें अब तक अंडरग्राउंड नहीं किया गया है। मनमाने ढंग से दीवारों पर पीला रंग पुता हुआ देखना भयानक है। समिति के सदस्य इस सबसे क्षुब्ध हुए हैं। यह विषय केंद्र व राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालयों के ध्यान में लाया जाएगा। वेंकटेश ने बताया कि बैठक में उपस्थित जैसलमेर कलक्टर आशीष मोदी से दुर्ग की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने इस संबंध में कार्रवाई के लिए भरोसा दिलाया।
पर्यटन का सिरमौर बन सकता है भारत
टीजी वेंकटेश ने कहा कि भारत में पर्यटन से संबंधित जितना वैभव है, उतना संसार में कहीं नहीं है। मसलन कश्मीर में प्राकृतिक दृश्यावलियां, पक्षी, झील, बर्फ आदि सबकुछ है वहीं स्विट्जरलैंड में केवल बर्फ है। भारत दुनिया की सबसे प्राचीन स यता है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पैलेस ऑन व्हील्स जैसी सभी लग्जरी ट्रेनों के किराये में कमी लाने की दिशा में भी सिफारिश की जाएगी। वेंकटेश के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को भूतल का स्वर्ग बताने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। जैसलमेर में बंद ट्रेनों को शुरू करवाने सहित यहां से लाइट्स की संख्या बढ़ाने के संबंध में भी संसदीय समिति अध्यक्ष ने सकारात्मक रुख दिखाया।

अतुल्य भारत का अभिन्न सुंदर अंग है जैसलमेर : बराड़
संसदी समिति के साथ जैसलमेर दौरे पर आईं भारत सरकार के पर्यटन विभाग की एडीजी रूपिंदर बरार ने पत्रिका के साथ बातचीत में पर्यटन स्थल के तौर पर जैसलमेर की दिल खोलकर तारीफें करते हुए कहा कि यह शहर अतुल्य भारत का अभिन्न सुंदर अंग है। उन्होंने उ मीद जताई कि कोरोना काल के बाद इस पर्यटन सीजन में भरपूर सं या में सैलानी भारत व जैसलमेर भ्रमण पर आएंगे। जैसलमेर बॉर्डर ट्यूरिज्म की अकूत संभावनाएं बताते हुए बराड़ ने कहा कि हमारे देश के बच्चों व नागरिकों के साथ विदेशियों को भी यह देखने का मौका मिलना चाहिए कि भारतीय जवान किस तरह से अपनी सीमाओं की सुरक्षा करते हैं। उन्होंने बताया कि समिति सदस्यों ने सोनार दुर्ग के संरक्षण के साथ जैसलमेर में ज्यादा से ज्यादा हाट बाजार विकसित करने की जरूरत बताई है। जहां स्थानीय हैंडीक्राफ्ट को बाजार मिल सके। सैलानियों का यहां के खानपान का लुत्फ उठाने का अवसर मिले। जैसलमेर से बंद की गई रेल सेवाओं को पुन: शुरू करवाने के संबंध में एडीजी बराड़ ने कहा कि वे इस संबंध में रेल मंत्रालय के सामने जैसलमेर का पक्ष अवश्य रखेंगी। उन्हें भरोसा है कि अगर कोई अपरिहार्य कारण नहीं हुआ तो रेलवे अवश्य सकारात्मक कदम उठाएगा।

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