scriptपत्रिका अभियान : सूखे हलक मांगे नीर- शुद्ध पानी को तरस रहे जिले के अंतिम छोर के बाशिंदे | PATRIKA CAMPAIGN- Dry Throa Longing For Pure Water | Patrika News

पत्रिका अभियान : सूखे हलक मांगे नीर- शुद्ध पानी को तरस रहे जिले के अंतिम छोर के बाशिंदे

locationजैसलमेरPublished: May 10, 2018 12:17:09 pm

Submitted by:

jitendra changani

हाल बड़ा बेहाल है…यहां भी पानी की यही कहानी

Jaisalmer patrika

Patrika news

सर्वे में ही अटक कर रह गया नोख में ओवरहेड टैंक
नोख (जैसलमेर). जिले के अंतिम छोर पर स्थित नोख गांव के बाशिन्दें आज भी शुद्ध पेयजल को तरस रहे है। हालात यह है कि कभी आसपास के तीन जिलों के करीब सौ किमी की दूरी तक की मीठे व शुद्ध पेयजल से प्यास बुझाने वाला नोख गांव आज विभागीय उदासीनता के कारण शुद्ध पेयजल को तरस रहा है, तो अशुद्ध पेयजल के कारण ग्रामीण जलजनित बीमारियों के शिकार हो रहे है। गौरतलब है कि नोख में परम्परागत कुंओं से पेयजल की आपूर्ति वरदान बनी हुई थी और कालांतर में इन कुंओं से पेयजल आपूर्ति कम होने के साथ फ्लोराइड की समस्या ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई थी। जिसके बाद करीब पांच वर्ष पूर्व विभाग ने राजीव गांधी लिफ्ट नहर के दो नंबर पम्पिंग स्टेशन से पाइप लाइन से नोख के लिए नहर के मीठे पानी की सप्लाई शुरू की। इस दौरान पम्पिंग स्टेशन के पास ही फिल्टर प्लांट लगाया गया। जिससे नोख के वाशिन्दों को शुद्ध पेयजल मिल सके, लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण आज तक कभी भी नोख में शुद्ध व फिल्टर पानी की आपूर्ति नहीं की गई। जब कभी इस संबंध में शिकायत की गई, तो दो-चार दिन फिल्टर चला कर आपूर्ति कर दी जाती है, लेकिन इसके बाद स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली हो जाती है। ग्रामीणों ने फिल्टर प्लांट से सुचारू आपूर्ति को लेकर विभाग के साथ ही जिला कलक्टर एवं जनप्रतिनिधियों को गुहार लगाई, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में आज भी नोख के बाशिन्दें सीधे नहर से आने वाले पानी को पेयजल के रूप में पीने को मजबूर है।

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IMAGE CREDIT: patrika
आखिर कब बनेगा ओवरहेड टैंक
नोख में पेयजल आपूर्ति सुव्यवस्थित करने व घर-घर पेयजलापूर्ति करने के लिए गत दो वर्ष से बहुप्रतीक्षित ओवरहेड टैंक का निर्माण कागजों में ही अटक कर रह गया है। इस संबंध में कई बार सर्वे हो चुके है, लेकिन काम शुरू नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में ग्रामीण कई बार मांग भी कर चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
राजस्व गांवो के भी यही हाल
नोख ग्राम पंचायत के बीठे का गांव व रामनगर के लोग भी शुद्ध पेयजल को तरस रहे है, तो ठाकरबा में भी समय पर पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही है। गेलाबा व मेघवालों की ढाणी की पेयजलापूर्ति भी पूरी तरह से नोख पर निर्भर है।

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