जैसलमेर. जैसलमेर के सबसे प्रमुख स्थल हनुमान चौराहा पर रियासतकालीन नेहरू पार्क की दीवारों में से गजराज कहलाने वाला हाथी, कुलांचे भरता हरिण, पेड़ की डाल पर बैठा तोता बाहर निकलते प्रतीत हो रहे हैं। यह सब करामात नगरपरिषद की तरफ से पार्क की भीतरी चारदीवारी की दो तरफ वाली दीवारों पर करवाई गई थी डी पेंटिंग्स की है। इन पेंटिंग्स में कलाकारों ने सधे हुए हाथ और रंगों के संयोजन से ऐसा मंजर पैदा कर दिया है। जो देखने वाले को एकबारगी वाह करने पर विवश कर देता है। यहां थ्री डी के साथ सामान्य पेंटिंग्स का कार्य भी संपन्न हो चुका है। भीतरी चारदीवारी का बायां हिस्सा जैसलमेरी पत्थर पर कलाकारी की हुई है। उसके सामने दाएं हिस्से की दीवार पर सीमेंट का प्लास्टर कर उस पर आधार को कैनवास बनाकर चित्र से संबंधित बैकग्राउंड रंगा गया है। फिर उन पर चित्रकारी की गई है।
जैसलमेर. जैसलमेर के सबसे प्रमुख स्थल हनुमान चौराहा पर रियासतकालीन नेहरू पार्क की दीवारों में से गजराज कहलाने वाला हाथी, कुलांचे भरता हरिण, पेड़ की डाल पर बैठा तोता बाहर निकलते प्रतीत हो रहे हैं। यह सब करामात नगरपरिषद की तरफ से पार्क की भीतरी चारदीवारी की दो तरफ वाली दीवारों पर करवाई गई थी डी पेंटिंग्स की है। इन पेंटिंग्स में कलाकारों ने सधे हुए हाथ और रंगों के संयोजन से ऐसा मंजर पैदा कर दिया है। जो देखने वाले को एकबारगी वाह करने पर विवश कर देता है। यहां थ्री डी के साथ सामान्य पेंटिंग्स का कार्य भी संपन्न हो चुका है। भीतरी चारदीवारी का बायां हिस्सा जैसलमेरी पत्थर पर कलाकारी की हुई है। उसके सामने दाएं हिस्से की दीवार पर सीमेंट का प्लास्टर कर उस पर आधार को कैनवास बनाकर चित्र से संबंधित बैकग्राउंड रंगा गया है। फिर उन पर चित्रकारी की गई है।