14वीं सदी में बने जैसलमेर के गड़ीसर सरोवर का सौन्दर्य दुनिया जहां के सैलानियों को आकर्षित करने में सक्षम है। इन दिनों सर्द सुबह के समय जब आसपास का पूरा मंजर स्थिर रहता है, तब हल्की धुंध के आगोश में गड़ीसर का पानी और उसके बीच में बनी कलात्मक बंगलियां और उनके पास रखी हुई नौकाएं मिल-जुल कर एक नायाब चित्र बनाते हैं। इन नजारों के सौन्दर्य को देखने वाला ही सही मायनों में अनुभव कर सकता है। पूर्व मरुश्री जितेन्द्र खत्री ने ये फोटो पत्रिका के पाठकों के लिए उपलब्ध करवाए।
14वीं सदी में बने जैसलमेर के गड़ीसर सरोवर का सौन्दर्य दुनिया जहां के सैलानियों को आकर्षित करने में सक्षम है। इन दिनों सर्द सुबह के समय जब आसपास का पूरा मंजर स्थिर रहता है, तब हल्की धुंध के आगोश में गड़ीसर का पानी और उसके बीच में बनी कलात्मक बंगलियां और उनके पास रखी हुई नौकाएं मिल-जुल कर एक नायाब चित्र बनाते हैं। इन नजारों के सौन्दर्य को देखने वाला ही सही मायनों में अनुभव कर सकता है। पूर्व मरुश्री जितेन्द्र खत्री ने ये फोटो पत्रिका के पाठकों के लिए उपलब्ध करवाए।