जैसलमेर. श्रद्धा के माहौल में धार्मिकता के रंग बिखरे नजर आए, वहीं समूचे क्षेत्र में मंगल गीतों की गूंज भी सुनाई दी। स्वर्णनगरी का ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब पर शुक्रवार को गणगौर पर्व के दौरान अलग ही नजर आया। यहां श्रद्धा, भक्ति व आस्था का त्रिवेणी संगम बना और विविधता में भी एकता के दर्शन हुए। सुहागिन महिलाओं ने गवर माता की पूजा-अर्चना कर पति की दीर्घायु व परिवार में सुख समृद्धि बनाए रखने की कामना की। अविवाहित कन्याओं ने अपने लिए सुयोग्य वर की प्रार्थना की। ईसर व गौरी की पूजा-अर्चना के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
जैसलमेर. श्रद्धा के माहौल में धार्मिकता के रंग बिखरे नजर आए, वहीं समूचे क्षेत्र में मंगल गीतों की गूंज भी सुनाई दी। स्वर्णनगरी का ऐतिहासिक गड़ीसर तालाब पर शुक्रवार को गणगौर पर्व के दौरान अलग ही नजर आया। यहां श्रद्धा, भक्ति व आस्था का त्रिवेणी संगम बना और विविधता में भी एकता के दर्शन हुए। सुहागिन महिलाओं ने गवर माता की पूजा-अर्चना कर पति की दीर्घायु व परिवार में सुख समृद्धि बनाए रखने की कामना की। अविवाहित कन्याओं ने अपने लिए सुयोग्य वर की प्रार्थना की। ईसर व गौरी की पूजा-अर्चना के बाद प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।