जैसलमेर. पिछली 16 तारीख की तपती दोपहरी में अमरसागर पंचायत क्षेत्र में अवैध रूप से बसे जिन पाकिस्तान से आए विस्थापितों को बेदखली का दर्द मिला था, वे शुक्रवार को जैसलमेर के डेडानसर मार्ग स्थित नगरपरिषद के रैन बसेरे में पुरसुकून रहते दिखाई दिए। यह जगह जिला प्रशासन ने उन्हें एक सप्ताह के लिए उपलब्ध करवाई है, ताकि उनके बसने के लिए कोई कायदे की जगह ढूंढ़ी जा सके। यहां करीब 40 परिवारों के 150 से अधिक लोगों के लिए जिनमें महिलाओं व बच्चों की तादाद भी अच्छी खासी है, प्रशासन व नगरपरिषद ने नाश्ता, दो वक्त का खाना, रहने-सोने के लिए बड़े-बड़े दो हॉल जिनमें पंखे लगे हैं व ग्रामीण बस स्टेंड के विशाल छायादार प्लेटफार्म, पीने के लिए मशीन का ठंडा पानी आदि का बंदोबस्त कर दिया है। यही कारण है कि दो दिन पहले कलेक्ट्रेट के सामने धरना देकर प्रशासन के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर करने वाले विस्थापितों के प्रतिनिधियों को प्रशासन से कोई गिला शिकवा नहीं है। जब पत्रिका टीम शुक्रवार दोपहर में डेडानसर स्थित विस्थापितों के अस्थायी निवास पर पहुंची तो कुछ लोग एकदम से पास आ गए और खुशी व संतुष्टि जताई। एक वृद्धा से पूछने पर उसने कैमरे से मुंह ढकते हुए हाथ ऊपर कर - अब सब ठीक है.. का ईशार किया।
जैसलमेर. पिछली 16 तारीख की तपती दोपहरी में अमरसागर पंचायत क्षेत्र में अवैध रूप से बसे जिन पाकिस्तान से आए विस्थापितों को बेदखली का दर्द मिला था, वे शुक्रवार को जैसलमेर के डेडानसर मार्ग स्थित नगरपरिषद के रैन बसेरे में पुरसुकून रहते दिखाई दिए। यह जगह जिला प्रशासन ने उन्हें एक सप्ताह के लिए उपलब्ध करवाई है, ताकि उनके बसने के लिए कोई कायदे की जगह ढूंढ़ी जा सके। यहां करीब 40 परिवारों के 150 से अधिक लोगों के लिए जिनमें महिलाओं व बच्चों की तादाद भी अच्छी खासी है, प्रशासन व नगरपरिषद ने नाश्ता, दो वक्त का खाना, रहने-सोने के लिए बड़े-बड़े दो हॉल जिनमें पंखे लगे हैं व ग्रामीण बस स्टेंड के विशाल छायादार प्लेटफार्म, पीने के लिए मशीन का ठंडा पानी आदि का बंदोबस्त कर दिया है। यही कारण है कि दो दिन पहले कलेक्ट्रेट के सामने धरना देकर प्रशासन के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर करने वाले विस्थापितों के प्रतिनिधियों को प्रशासन से कोई गिला शिकवा नहीं है। जब पत्रिका टीम शुक्रवार दोपहर में डेडानसर स्थित विस्थापितों के अस्थायी निवास पर पहुंची तो कुछ लोग एकदम से पास आ गए और खुशी व संतुष्टि जताई। एक वृद्धा से पूछने पर उसने कैमरे से मुंह ढकते हुए हाथ ऊपर कर - अब सब ठीक है.. का ईशार किया।