श्राद्ध पक्ष में पितृ तर्पण कार्यक्रम, पितरों को जलांजलि
जैसलमेरPublished: Sep 25, 2022 08:24:20 pm
-जिले भर में हुए विविध कार्यक्रम
श्राद्ध पक्ष में पितृ तर्पण कार्यक्रम, पितरों को जलांजलि
जैसलमेर. जैसलमेर जिला मुख्यालय स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर घाट पर पवित्र श्राद्धपक्ष में आयोजित पितृ तर्पण कार्यक्रम आश्विन कृष्ण अमावस्या रविवार को पं. आनंद ओझा के निर्देशन में विधि पूर्वक संपन्न हुआ। यहां विजय गोविंद व्यास के नेतृत्व में पूरे श्राद्ध पक्ष में श्रद्धालुओं ने पितृ तर्पण कार्यक्रम में भाग लेकर पितरों को जलांजलि दी। पितृ तर्पण कार्यक्रम के समापन अवसर पर पं. आनंद ओझा के सानिध्य में यज्ञ का आयोजन भी किया गया। इसी प्रकार गायत्री परिवार द्वारा सर्व पितृ अमावस्या को पितृ तर्पण किया गया।
हुए धार्मिक आयोजन
गायत्री परिवार के रितेश श्रीमाली ने बताया कि बाड़मेर रोड स्थित गायत्री शक्तिपीठ में तर्पण का कार्य करवाया गया। प्रात: 9 बजे से आयोजित इस कार्यक्रम में गायत्री परिवार परिजनों सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। वरिष्ठ परिजन ट्रस्टी चैनाराम द्वारा मंत्रोच्चार कर विधिवत पूजन करवाया गया । देव पूजन, ऋषि पूजन के साथ सभी पितृ का पिंड दान किया व तर्पण कार्य किया। इसके बाद सर्वकल्याण शांति के लिए गायत्री यज्ञ किया व आहुतियां दी गयी। इस अवसर पर लक्ष्मणसिंह, देवकिशन चारण, लूणकरण आचार्य, चन्द्रशेखर आचार्य, बाबूदान, रामनाथ कुमावत, अशोक कुमार, मीना, आईदानसिंह भाटी सहित कई लोग उपस्थित थे। ट्रस्टी बाबूदान ने बताया कि नवरात्र में विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसमे प्रतिदिन यज्ञ, अखण्ड जप, दीपयज्ञ सहित विभिन्न कार्यक्रम होंगे।
यहां भी हुए आयोजन
जैसलमेर स्थित गुलाब सागर स्थित रामदेव मंदिर में पवित्र श्राद्धपक्ष में आयोजित पितृ तर्पण कार्यक्रम आश्विन कृष्ण अमावस्या रविवार को दाता उम्मेद गिरी के सानिध्य में पं. अनिल चूरा एवम आनद रामदेव के द्वारा संपन्न हुआ। पं. अनिल चूरा ने बताया कि संयोगवश इस बार पितृ.मोक्ष अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि, रवि, बुद्धादित्य और कन्या राशि में चतुग्र्रही योग का संयोग रहेगा। अमावस्या के दिन अपने शिष्यों सहित कृष्ण जन्मभूमि निर्माण न्यास मथुरा के राष्ट्रीय सचिव संत दाता स्वामी उम्मेद गिरी की ओर से पितृ तर्पण कार्यक्रम में भाग लेकर अपने पितरों को जलांजलि दी। संत दाता स्वामी ने बताया कि सर्वपितृपक्ष अमावस्या को विसर्जनी अमावस्या भी कहा जाता है। पं. विजय व्यास के सानिध्य में यज्ञ का आयोजन भी किया गया।