बिगड़ी जलापूर्ति व्यवस्था से हो रही परेशानी
फलसूण्ड. ग्राम पंचायत मानासर क्षेत्र में गहराए पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों को परेशानीहो रही है। गौरतलब है कि मानासर ग्राम पंचायत क्षेत्र में आधा दर्जन गांव व एक दर्जन ढाणियां स्थित है। यहां जगह-जगह जलदाय विभाग की ओर से दो दर्जन जीएलआरों का निर्माण करवाया गया है। इन जीएलआरों में बिगड़ी जलापूर्ति व्यवस्था के कारण ग्रामीणों को दूर-दराज क्षेत्रों से ट्रैक्टर टंकियों से महंगे दामों में पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। इसके अलावा मवेशी पानी के लिए इधर उधर भटकते नजर आ रहे है।
फलसूण्ड. ग्राम पंचायत मानासर क्षेत्र में गहराए पेयजल संकट के कारण ग्रामीणों को परेशानीहो रही है। गौरतलब है कि मानासर ग्राम पंचायत क्षेत्र में आधा दर्जन गांव व एक दर्जन ढाणियां स्थित है। यहां जगह-जगह जलदाय विभाग की ओर से दो दर्जन जीएलआरों का निर्माण करवाया गया है। इन जीएलआरों में बिगड़ी जलापूर्ति व्यवस्था के कारण ग्रामीणों को दूर-दराज क्षेत्रों से ट्रैक्टर टंकियों से महंगे दामों में पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। इसके अलावा मवेशी पानी के लिए इधर उधर भटकते नजर आ रहे है।
क्षतिग्रस्त जीएलआर, जलापूर्ति ठप
रामदेवरा. क्षेत्र के दूधिया गांव में स्थित जीएलआर क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि दूधिया गांव में वर्षों पूर्व एक जीएलआर का निर्माण करवाया गया था। समय पर मरम्मत व देखरेख के अभाव में यह जीएलआर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। इस जीएलआर में समय पर पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति नहीं हो रही है। इसके अलावा यदि कभी जलापूर्ति होती भी है, तो क्षतिग्रस्त जीएलआर के कारण पानी रिसाव होकर बह जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को ट्रैक्टर टंकियों से पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। इसी प्रकार जीएलआर का छत टूटा होने से कचरा व गंदगी उडकऱ जीएलआर में ही जमा हो रही है। जिससे पानी भी दूषित हो रहा है।
रामदेवरा. क्षेत्र के दूधिया गांव में स्थित जीएलआर क्षतिग्रस्त होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि दूधिया गांव में वर्षों पूर्व एक जीएलआर का निर्माण करवाया गया था। समय पर मरम्मत व देखरेख के अभाव में यह जीएलआर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। इस जीएलआर में समय पर पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति नहीं हो रही है। इसके अलावा यदि कभी जलापूर्ति होती भी है, तो क्षतिग्रस्त जीएलआर के कारण पानी रिसाव होकर बह जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को ट्रैक्टर टंकियों से पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। इसी प्रकार जीएलआर का छत टूटा होने से कचरा व गंदगी उडकऱ जीएलआर में ही जमा हो रही है। जिससे पानी भी दूषित हो रहा है।
हेण्डपंप खराब होने से हो रही परेशानी
फलसूण्ड. भणियाणा ग्राम पंचायत के बल्लूसिंह की ढाणी स्थित धुंधवालों की ढाणी में लगा हेण्डपंप गत लम्बे समय से खराब होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
गौरतलब है कि ढाणी में पेयजल सुविधा मुहैया करवाने के लिए वर्षों पूर्व एक हेण्डपंप खुदवाया गया था। यह हेण्डपंप गत लम्बे समय से खराब पड़ा है। जिसके चलते ग्रामीणों को रुपए देकर पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।
फलसूण्ड. भणियाणा ग्राम पंचायत के बल्लूसिंह की ढाणी स्थित धुंधवालों की ढाणी में लगा हेण्डपंप गत लम्बे समय से खराब होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।
गौरतलब है कि ढाणी में पेयजल सुविधा मुहैया करवाने के लिए वर्षों पूर्व एक हेण्डपंप खुदवाया गया था। यह हेण्डपंप गत लम्बे समय से खराब पड़ा है। जिसके चलते ग्रामीणों को रुपए देकर पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।
एक माह से जलापूर्ति बंद, ग्रामीण परेशान
पोकरण. क्षेत्र के एकां व आसपास ढाणियों में गत एक माह से जलापूर्ति बंद होने के कारण ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि जलदाय विभाग की ओर से एकां गांव में वर्षों पूर्व नलकूप खुदवाकर एकां गांव, चौहानों की ढाणी, दूधिया की ढाणी, अमीरपुरा, मंगणियारों का बास, जोजरे की ढाणी, बड़वाली नाडी स्थित जीएलआरों को पाइपलाइन से जोड़ा गया था। गत लम्बे समय से नलकूप में पानी कम हो जाने के कारण जलदाय विभाग की ओर से उसे लगभग बंद कर दिया गया। ऐसे में सभी जीएलआर खाली पड़े है तथा ग्रामीणों को ट्रैक्टर टंकियों से पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। इसके अलावा पशुओं को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है।
पोकरण. क्षेत्र के एकां व आसपास ढाणियों में गत एक माह से जलापूर्ति बंद होने के कारण ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि जलदाय विभाग की ओर से एकां गांव में वर्षों पूर्व नलकूप खुदवाकर एकां गांव, चौहानों की ढाणी, दूधिया की ढाणी, अमीरपुरा, मंगणियारों का बास, जोजरे की ढाणी, बड़वाली नाडी स्थित जीएलआरों को पाइपलाइन से जोड़ा गया था। गत लम्बे समय से नलकूप में पानी कम हो जाने के कारण जलदाय विभाग की ओर से उसे लगभग बंद कर दिया गया। ऐसे में सभी जीएलआर खाली पड़े है तथा ग्रामीणों को ट्रैक्टर टंकियों से पानी खरीदकर मंगवाना पड़ रहा है। इसके अलावा पशुओं को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है।