जिला मुख्यालय स्थित जवाहर चिकित्सालय में सोनोग्राफी की मषीन को ठप पड़े पांच माह से अधिक हो गए हैं। उससे पहले भी कई महीनों तक सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध नहीं थी।मषीन का संचालन करने वाले सोनोलॉजिस्ट का यहां पदस्थापन नहीं हो सका है।सोनोग्राफी सुविधा की गैरमौजूदगी का सीधा लाभ निजी जांच केंद्रों को मिल रहा है और वहां प्रतिदिन हजारों रुपए की धनवर्षा हो रही है।इन केंद्रों पर सोनोग्राफी जांच के लिए मरीजों से 600 से 1000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। कई गरीब मरीज जांच का खर्चा नहीं उठा पाने के कारण जांच करवाने से ही कतरा जाते हैं।जिससे उनका स्वास्थ्य खतरे में पड़ जाता है।
नहीं मिल रही सुविधा
सरकारी दावे के अनुसार मुख्यमंत्री नि:षुल्क जांच व दवा योजना के अंतर्गत हर वर्ग को मुफ्त उपचार की सुविधा दिलाया जा रहा है, लेकिन जमीनी स्तर पर इस तरफ पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिले के पोकरण उपखंड पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक में सोनोग्राफी की सुविधा मिल रही है और जैसलमेर जिला मुख्यालय होने के बावजूद यहां लम्बे समय से इस सुविधा पर ताले लटक रहे हैं।जानकारी के अनुसार गर्भवती महिलाओं को गर्भकाल में न्यूनतम दो से तीन बार सोनोग्राफी करवानी होती है। जवाहर चिकित्सालय में यह सुविधा नहीं मिलने से षारीरिक परेषानी उठाकर उन्हें निजी केंद्रों पर जाना पड़ रहा है।साथ ही सैकड़ों रुपए खर्चभी होते हैं।ऐसा ही हाल पेट से जुड़ी बीमारियों के मरीजों का है।जवाहर चिकित्सालय प्रषासन ने पिछले समय के दौरान सुस्ती ही दिखाई है तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि भी विफल साबित हो रहे हैं।कई बार गर्भवती महिलाओं व उनके परिवारजनों को वहां निजी अस्पताल में डिलिवरी कराने को ज्यादा सुरक्ष् िात बताकर गुमराह किया जाता है। ऐसे में उनके सामने हजारों रुपए खर्च करने की नौबत आ जाती है।
– 50 षैय्याओं का एमसीएच वार्ड
– 4 निजी सोनोग्राफी केंद्र शहर में
-600 से 1000 रुपए तक वसूले जा रहे मंत्री ने दिलाया भरोसा
जिला अस्पताल की समस्याओं से गत दिनों चिकित्सा मंत्री को अवगत करवाया गया था। उन्हें सोनोलॉजिस्ट नहीं होने की बात भी बताई गई। उन्होंने जल्द से जल्द सोनोलॉजिस्ट की व्यवस्था करवाने की बात कही है।
-डॉ. ऊषा दुग्गड़, पीएमओ, जवाहर चिकित्सालय, जैसलमेर