आसमानी आफत से बचाव के लिए तैयारियां हुई तेज
जैसलमेरPublished: Jun 05, 2020 07:29:52 pm
पोकरण. कस्बे के पंचायत समिति सांकड़ा सभागार में टिड्डी नियंत्रण की तैयारी व सूचना एवं संसाधन प्रबंधन तंत्र विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को आयोजित किया गया, जिसमें पंचायतीराज विभाग, राजस्व विभाग के कार्मिकों, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, कृषि सुपरवाइजर ने भाग लिया।
आसमानी आफत से बचाव के लिए तैयारियां हुई तेज
पोकरण. कस्बे के पंचायत समिति सांकड़ा सभागार में टिड्डी नियंत्रण की तैयारी व सूचना एवं संसाधन प्रबंधन तंत्र विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को आयोजित किया गया, जिसमें पंचायतीराज विभाग, राजस्व विभाग के कार्मिकों, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, कृषि सुपरवाइजर ने भाग लिया। उपखंड अधिकारी अजय अमरावत ने प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीणों के पास उपलब्ध संसाधनों का समुचित प्रबंधन, सतर्कता, सामुहिक निगरानी, कार्मिकों की ओर से सही सूचना का प्रमाणीकरण कर सूचना तंत्र को मजबूत किया जाता है, तो समय पर टिड्डी दलों पर नियंत्रण किया जा सकता है। उन्होंने ग्राम विकास अधिकारियों व पटवारियों के साथ जागरुक ग्रामीणों को सूचना तंत्र में शामिल कर ग्राम पंचायत स्तरीय समूूह बनाकर टिड्डी पड़ाव की ठोस खबर देने की बात कही। भू-अभिलेख निरीक्षक माधोसिंह व सहायक कृषि अधिकारी मदनसिंह को टिड्डी नियंत्रण बेस कैम्प पोकरण का प्रभारी बनाया गया है। प्रभारी को टिड्डी विभाग से संपर्क स्थापित करना है और टिड्डी का प्रकोप होने से पहले गांवों में उपलब्ध संसाधन जैसे ट्रैक्टर, कीटनाशक टंकी, पानी के स्त्रोत आदि की सूचना एकत्रित करेंगे, ताकि जरुरत पडऩे पर उनका समुचित उपयोग हो सकेगा। कृषि विभाग के सहायक निदेशक ओमप्रकाश ने कार्यशाला में उपस्थित कार्मिकों को बताया कि उपलब्ध संसाधनों एवं कीटनाशकों का अधिकतम उपयोग के लिए प्रत्येक नजदीकी तीन-तीन ग्राम पंचायतों का एक-एक कलस्टर बनाया जाएगा। उन्होंने जिले में दूरी को ध्यान में रखते हुए टिड्डियों के पड़ाव की सटीक सूचना प्राप्त करने के लिए सात बेस कैम्प बनाने की बात कही। सहायक कृषि अधिकारी स्वरूपराम जाखड़ ने जिले में यदि ग्र्रामीण टिड्डी नियंत्रण के लिए अपने ट्रैक्टर, टंकी, माउंटेड स्प्रे और मजदूर का उपयोग करेगा। उनको सरकार के माध्यम से किराए के प्रावधान की बात कही। प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र पोकरण के प्रभारी चंद्रप्रकाश मीणा, पशुपालन वैज्ञानिक डॉ.रामनिवास ढाका, शस्य वैज्ञानिक डॉ.केजी व्यास, उद्यान अधिकारी रविन्द्र चौधरी, टिड्डी कंट्रोल अधिकारी सिद्की, कृषि सुपरवाइजर जितेन्द्र नागा ने भी अपने विचार रखे।