बॉर्डर तक जाता था नोख का मीठा पानी
गांव में पेयजल के लिए वर्षों पूर्व खोदे गए खुले कुओं से निकलने वाला मीठा पानी न केवल नोख बल्कि आसपास के सैकड़ों गांव ढाणियों की प्यास बुझाने के लिए एकमात्र सहारा था । नहरी पेयजल की उपलब्धता से पहले अधिकतर क्षेत्र मीठे पानी के लिए नोख पर निर्भर था । बुजुर्गों के अनुसार नोख के कुओं से मीठे पानी के लिए आसपास के जोधपुर और बीकानेर जिले के गांवों के साथ ही बॉर्डर की ओर से भी लोग आते और ऊंट गाड़ी सहित अन्य साधनों से मीठा पानी ले जाते थे, लेकिन कालांतर में संपूर्ण क्षेत्र में नहरी पेयजल की उपलब्धता होने के बाद अन्य क्षेत्र की नोख पर निर्भरता कम हो गई तो कुओं में भी जलस्तर घटने के साथ फ्लोराइड की मात्रा बढऩे लगी । इस दौरान करीब 8 वर्ष पूर्व नोख को भी राजीव गांधी लिफ्ट नहर की पंपिंग स्टेशन नंबर 2 से पाइप लाइन द्वारा नहरी पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाई गई, लेकिन यह सुविधा भी लचर व्यवस्थाओं की भेंट चढ़ी हुई है ।
नकारा व्यवस्थाए अशुद्ध पेयजल
नोख के लिए राजीव गांधी लिफ्ट नहर से की जा रही आपूर्ति के लिए विभाग ने पम्पिंग स्टेशन नंबर दो आपूर्ति स्थल पर फिल्टर प्लांट लगाया हुआ है, लेकिन पहले दिन से ही फिल्टर पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं रही । विभागीय उदासीनता के कारण अधिकतर समय नोख के वाशिंदों को अशुद्ध पेयजल सेवन करना पड़ रहा है, जिससे लोग जलजनित बीमारियों के शिकार हो रहे हैं ।
विद्युत व्यवधान की भेंट चढ़ी आपूर्ति
नोख की पेयजल आपूर्ति पूरी तरह से विद्युत आपूर्ति पर निर्भर हो गई है । नोख की पेयजल आपूर्ति के स्थल पम्पिंग स्टेशन नंबर दो पर विद्युत आपूर्ति मदासर की ओर से होती है और लंबी विद्युत लाइन के कारण आए दिन फॉल्ट होने से विद्युत आपूर्ति ठप हो जाती है और इससे कई कई घंटे और दिनों तक नोख की पेयजल आपूर्ति ठप हो जाती है । हालांकि आपूर्ति स्थल से नोख जीएसएस की दूरी बेहद कम है लेकिन कई बार मांग किए जाने के बावजूद ना तो विद्युत आपूर्ति नोख से जुड़ी जा रही है और ना ही विद्युत आपूर्ति की वर्तमान लाइन की ठीक से देखरेख की जा रही है । जिसका खामियाजा लोगों को आए दिन पेयजल संकट के रूप में उठाना पड़ रहा है । इससे नोखए गैलाबा व मेघवालों की ढाणी में पेयजल आपूर्ति प्रभावित होती है ।
ढाणी वासियों को सर्वाधिक परेशानी
नोख गांव के आसपास बसी हुई ढाणियों और गांव में ही स्थित अधिकतर घरों में पेयजल आपूर्ति का एकमात्र साधन ट्रैक्टर टैंकर या ऊंट गाड़ी से आपूर्ति है । ऐसे में पेयजल के लिए ट्रैक्टर टैंकर या ऊंट गाड़ी लेकर पहुंचने वाले ढाणियों के बाशिंदों को विद्युत व्यवधान या अन्य समस्याओं के कारण दिन भर अपना समय खराब करना पड़ता है, लेकिन कई बार उनको खाली हाथ भी जाना पड़ता है ।